इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर की राजनीति करवट ले रही है अचानक टिकट प्राप्त करके सांसद बने शंकर लालवानी की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। इधर विधायक रमेश मेंदोला और विधायक आकाश विजयवर्गीय की टीम के बीच दरार नजर आ रही है।
कैलाश विजयवर्गीय सन 2013 से अपने पुत्र आकाश विजयवर्गीय को इंदौर में मजबूती से स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपना विधानसभा टिकट आकाश विजयवर्गीय को दे दिया ताकि उसे राजनीति की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। इंदौर विधानसभा क्रमांक 3 से चुनाव लड़ना मुश्किल था लेकिन कैलाश विजयवर्गीय ने वह सब कुछ किया जो अपने चुनाव में कभी नहीं किया था। चुनाव जीतने के बाद भी कैलाश विजयवर्गीय लगातार आकाश विजयवर्गीय को भाजपा और जनता के बीच स्वीकार्य बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला को कौन नहीं जानता। विधायक रमेश मेंदोला, कैलाश विजयवर्गीय की टीम से आते हैं परंतु इंदौर में अब उनकी अपनी पहचान है। वह पुराने जमाने की बात है जब रमेश मेंदोला अपनी सफलता के लिए कैलाश विजयवर्गीय पर निर्भर करते थे। भारतीय जनता पार्टी में भी उनकी सीट रिजर्व हो चुकी है। सब जानते हैं कि कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को रमेश मेंदोला की विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
पिछले कुछ दिनों से यह नोटिस किया जा रहा है कि रमेश मेंदोला की टीम और आकाश विजयवर्गीय की टीम के बीच दरार आ गई है। मामला घर का है लेकिन अब बाहर वालों में चर्चा का विषय बनने लगा है। राजनीति के पुराने पंडितों का कहना है कि कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला के रिश्तो में कभी खटास नहीं आ सकती लेकिन आकाश विजयवर्गीय के साथ ऐसे ही रिश्ते रहेंगे, कहना मुश्किल है। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया INDORE NEWS पर क्लिक करें.