इंदौर। मध्यप्रदेश शासन में कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने रालामंडल नाइट सफारी शुरू करवाई थी परंतु यहां पर पर्यटकों के लिए कुछ भी नहीं था। रालामंडल के लिए एक आदेश जारी करवाने के अलावा तुलसी सिलावट कुछ नहीं कर पाए। नतीजा नाइट सफारी फेल हो गई। अब यहां केवल वही पर्यटक आते हैं जिन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि तुलसी सिलावट ने इसे इंदौर के लिए अपनी तरफ से गिफ्ट बताया था।
पर्यटकों का कहना है कि रालामंडल में रात के समय कुछ दिखाई नहीं देता। ऊपर से वन विभाग के नियम। शिकारगाह पर 20 मिनट से ज्यादा रुकने नहीं दिया जाता। इस 20 मिनट के लिए पूरी रात खराब होती है और मूड ऑफ हो जाता है। उल्लेखनीय है कि इंदौर के नेताओं ने रालामंडल नाइट सफारी शुरू करने का सुझाव दिया था। वन मंत्री विजय शाह ने भी हां कर दिया था। 30 जून को वन विभाग ने सफारी शुरू कर दी थी। कोई पर्यटक नहीं आया इसलिए 25 जुलाई को बंद कर दी। फिर 15 अगस्त को रालामंडल नाइट सफारी का औपचारिक उद्घाटन किया गया।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट नाराज हो गई थी इसलिए बंद कर दी गई नाइट सफारी फिर से शुरू की गई। वन विभाग के अधिकारियों ने भी नाईट सफारी को फेल करने के पूरे प्रबंध किए थे। अभ्यारण में दिन में सफारी का शुल्क ₹50 और रात में ₹200 लिया जा रहा है। इसके बदले में पर्यटकों को कुछ नहीं मिलता। अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं देता। ऐसा लगता है जैसे बिना स्ट्रीट लाइट की कच्ची सड़क पर चले जा रहे हैं। इसके लिए कोई अपना टाइम और पैसा क्यों बर्बाद करें। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया INDORE NEWS पर क्लिक करें