इंदौर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने नॉन वैक्सीनेटेड कर्मचारियों पर प्रतिबंध के आदेश जारी कर दिए हैं। अब सरकारी और प्राइवेट ऑफिस, फैक्ट्री, शोरूम और दुकान इत्यादि सभी जगह केवल वही कर्मचारी काम कर सकते हैं जिनका वैक्सीनेशन पूरा हो चुका हो।
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि बिना दोनों डोज लगे कोई भी कर्मचारी किसी भी ऑफिस, फैक्टरी, दुकान या शोरूम में काम करता मिला तो उसके मालिक पर कार्रवाई होगी। दुकान सील की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में लगे कोरोना के सभी प्रतिबंध सरकार ने 17 नवंबर को हटा दिए थे। इसके बाद से ही प्रदेश में कोरोना के केस बढ़ गए हैं। 19 से 27 नवंबर के बीच सिर्फ एक बार संक्रमितों का आंकड़ा 9 पर रहा। बाकी दिनों में 11 से 23 तक आंकड़ा पहुंच गया। इंदौर हॉट स्पॉट बन रहा है। यहां 8 दिन में 55 नए केस सामने आ चुके हैं। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर समेत छोटे शहरों में भी कोरोना असर दिखा रहा है।
इंदौर में 45 एक्टिव केस
इंदौर में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। 24 घंटे में 10 मरीज मिले हैं। इसके एक दिन पहले ही 12 मरीज मिले थे। 8 दिन में ही 55 मरीज सामने आ चुके हैं। एक्टिव केस 45 हैं। अब तक जो मरीज मिले हैं, उनमें ज्यादातर असिम्प्टोमैटिक हैं।
इंदौर में 3.90 लाख लोग प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जद में
लगातार बढ़ रहे कोरोना केस और विदेशों में मिले नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह भी सख्त हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि किसी भी संस्थान में कर्मचारी दूसरा डोज लगवा बिना काम करते पाए जाते हैं तो संस्थान के मालिक पर कार्रवाई की जाएगी। जिले में अभी 3.90 लाख लोगों ने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाया है। यह सभी लोग प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जद में आ गए हैं। इन लोगों ने यदि तत्काल दूसरा डोज नहीं लगवाया तो इन्हें 15 दिन के लिए आइसोलेशन कैंप में भेजा जा सकता है।