जबलपुर। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने हाउस अधिकारियों की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद प्रमुख सचिव एवं उप सचिव आयुष मंत्रालय और MPPSC को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए शासन के अधिकारियों को 6 सप्ताह का समय दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करके नोटिस जारी किए। रीवा के सेवानिवृत्त आयुष अधिकारी डा. केपी त्रिपाठी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि आयुष अधिकारी की नियुक्ति के लिए मप्र चिकित्सा परिषद से इंटर्नशिप होना अनिवार्य है।
डा. प्रमोद कुमार मेहर रीवा और डा. निधि गुप्ता नीमच की नियुक्ति के खिलाफ याचिका
डा. प्रमोद कुमार मेहर रीवा और डा. निधि गुप्ता नीमच ने निजी संस्स्थान से इंटर्नशिप किया था, इसके बाद भी एमपीपीएससी ने उन दोनों को आईएएस अधिकारी के पद के योग्य बताया और डिपार्टमेंट में उन्हें नियुक्ति दे दी।
इसके साथ ही अनावेदकों का अनुभव प्रमाण-पत्र भी नियमानुसार नहीं है। अधिवक्ता राहुल त्रिपाठी और हितेन्द्र गोल्हानी की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों से संबंधित समाचारों के लिए कृपया Karmchari news MP पर क्लिक करें।