जबलपुर। मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर के कैंट बोर्ड इलाके में सदर चौपाटी टूटने से बच गई। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया था कि पार्क की जमीन पर सदर चौपाटी का निर्माण अवैध है और इसे तोड़ देना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने सुनवाई के बाद जनहित याचिका अमान्य कर दी। कैंट गली नंबर-पांच निवासी आबिद हुसैन की ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी। दावा किया गया था कि सर्वे नंबर 127 की जमीन गार्डन के लिए आरक्षित की गई है। इस जमीन पर कैंट बोड द्वारा चौपाटी और दुकानों का निर्माण कर दिया गया है।
कैंट बोर्ड की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने दलील दी कि इस मामले में पूर्व में भी जनहित याचिका दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने नवंबर 2017 में जनहित याचिका खारिज कर दी थी। सदर चौपाटी सालों से कैंट क्षेत्र की पहचान है। इसके जरिये कई लोगों का रोजगार चल रहा है। इसको देखते हुए हाई कोर्ट ने जनहित याचिका खारिज कर दी। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया JABALPUR NEWS पर क्लिक करें.