जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। पूछा है कि सीनियर प्रोफेसर की जांच उनके जूनियर प्रोफ़ेसर से क्यों कराई जा रही है। उल्लेखनीय है कि डीन ने दो प्रोफेसरों डॉ अशोक साहू एवं डॉ तृप्ति गुप्ता की नियुक्ति के संबंध में डिपार्टमेंटल इंक्वायरी के आदेश दिए हैं।
अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश :
जबलपुर निवासी व वर्तमान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मेडिकल कालेज, जबलपुर में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डा.अशोक साहू एवं डा.तृप्ति गुप्ता की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता पंकज दुबे, अक्षय खण्डेलवाल एवं रीतिका गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं की मूल नियुक्ति असिस्टेन्ट प्रोफ़ेसर के पद पर क्रमशः 2007 एवं 2008 में हुई थी लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते उनकी मूल नियुक्ति के विषय में डीन नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मेडिकल कालेज, जबलपुर के द्वारा जांच की जा रही है।
हाई कोर्ट को बताया गया कि दोनों याचिकाकर्ताओं को इस बात से अवगत नहीं कराया गया कि जो जांच समिति है उसके ज्यादातर सदस्य उनसे कनिष्ठ (जूनियर) हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह जानकारी प्राप्त हुई कि समिति के ज्यादातर अधिकारीगण दोनों प्राध्यापकों से कनिष्ठ हैं। लिहाजा दोनों प्रोफेसरों ने डीन एवं मुख्य जांच अधिकारी को अभ्यावेदन देकर आग्रह किया कि उनसे कनिष्ठ अधिकारियों से जांच न कराई जाए। यह विधि अनुसार नहीं है। उसके बावजूद यह बात नहीं मानी गई।
इस पर यह याचिका दायर की गई। इसमें 22 अक्टूबर 2021 गठित जांच समिति को पुर्नगठित करने का आग्रह किया गया। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। मध्यप्रदेश कर्मचारियों की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP Employee news पर क्लिक करें.