डॉक्टर प्रवेश सिंह भदौरिया। जरा सोचिए, पहले अहमदनगर फिर भोपाल, सरकारी अस्पतालों में मौसम परिवर्तन के दौरान आग लगने के कारण क्या हो सकते हैं ? फायर सेफ्टी ऑडिट करवाने से आगजनी के नुकसान को कम किया जा सकता है लेकिन असल में सरकार को सरकारी इमारतों में बढ़ती आगजनी की घटनाओं पर विचार और विश्लेषण करना चाहिए।
इसका एक कारण सरकारी कार्य करने वाले ठेकेदारों द्वारा खराब बिजली की फिटिंग लगवाना भी हो सकता है। साथ ही मौसम परिवर्तन के साथ ही बिजली लोड (भार) में परिवर्तन पर भी ध्यान देना चाहिए। लेकिन ठेकेदार भी आखिर क्या करें क्योंकि कम रेट पर ठेका लेने वाले लोगों को काम करने का अनुभव नहीं होता है और साथ ही कमीशनखोरी के कारण उन्हें सस्ते और खराब सामान लगाने ही पड़ते हैं। विभाग के इंजीनियर ऑफिस में बैठकर ही कार्य की गुणवत्ता का आंकलन कर लेते हैं। वह घटिया सामान लगाने वाला ठेकेदार और उसके घटिया काम को क्वालिटी का सर्टिफिकेट देने वाला इंजीनियर दोनों जिम्मेदार हैं।
विदित है कि कुछ दिन पहले आयी बाढ़ में कुछ समय पहले बने बांध और सड़क पूरी तरह गायब हो गये थे जबकि सालों से बने बांध आज तक टिके हैं। किंतु उसमें सभी को क्लीनचिट देकर बाढ़ के पानी को दोषी करार दिया गया। सरकार किसी भी स्तर की जांच करा ले आगजनी के कांड में भी शॉर्ट सर्किट को ही जिम्मेदार ठहराया जायेगा। ज्यादा से ज्यादा किसी डॉक्टर पर गाज गिरेगी। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया BHOPAL NEWS पर क्लिक करें। खुला-खत एक खुला मंच है जहां सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए जनहित के मुद्दे उठाए जाते हैं और सामाजिक व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए लेख प्रकाशित किए जाते हैं। अपने पत्र कृपया इस ईमेल एड्रेस पर भेजें:- editorbhopalsamachar@gmail.com