मोटर वाहन अधिनियम,1988 की धारा 166 के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति मुआवजे का दावा कर सकता है एवं उसे न्यायालय द्वारा उपर्युक्त अधिनियम के अंतर्गत क्षति पहुँचनाने वाले व्यक्ति अर्थात संपत्ति के मालिक द्वारा पीड़ित व्यक्ति या परिवार वाले को प्रतिकार पाने का अधिकार होता है लेकिन अगर उबड़-खाबड़ सड़क के कारण किसी व्यक्ति की दुर्घटना हो जाती है तब दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति या उसके परिवार वाले को प्रतिकर किससे प्राप्त करने का अधिकार होगा पढ़िए महत्वपूर्ण जजमेंट।
मधु कौर बनाम राष्ट्रीय राजधानी राज्य दिल्ली एवं अन्य:-
Madhu Kaur vs Govt. Of Nct Of Delhi & Another on 7 July, 2009 मामले में सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। सड़क जगह-जगह पर टूटी-फूटी एवं उबड़ खाबड़ थी एवं उसमें गड्ढे बन गये थे। राज्य अधिकारियों ने उसका अच्छी दशा में रख रखाव नहीं किया था न ही सड़क पर बने गड्डे के पास कोई चेतावनी का नोटिस लगवाया था।
राज्य सरकार का दायित्व इसलिए समाप्त नहीं हो जाता कि मरम्मत करने के लिए ठेकेदार नियुक्त किया गया था। यह देखना राज्य सरकार का दायित्व है कि ठेकेदार कार्य को ठीक तरीके से करे। यदि राज्य कर्मचारियों की उपेक्षा के कारण नागरिकों का अनुच्छेद 21 के अधीन मूल अधिकार का उल्लंघन होता हैं एवं ऐसे में राज्य सरकार क्षतिग्रस्त व्यक्ति को प्रतिकर देने के लिए दायी होगी। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com