भोपाल। भारतीय जनता पार्टी द्वारा मध्य प्रदेश में आदिवासी को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करने की अटकलें शुरू होते ही प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा से मुलाकात की।
आदिवासियों के वोट के लिए कुर्सी खाली करनी होगी
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिनांक 15 नवंबर 2021 को जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर भव्य आयोजन की सफलता के बाद भाजपा का पॉलिटिकल रोड मैप फिक्स हो गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान एवं पार्टी का पूरा फोकस उन 84 सीटों पर होगा जहां आदिवासी मतदाता बहुमत में है। आदिवासी कार्ड का फायदा अन्य 30 सीटों पर भी पड़ेगा जहां आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि आदिवासियों के लिए कई प्रकार की योजनाएं बनाई जा रही है। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि संगठन में भी किसी प्रमुख पद पर आदिवासी नेता को नियुक्त करना पड़ेगा।
कमलनाथ के OBC नहले पर शिवराज का आदिवासी दहला
कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी आदिवासी सीटों को हमेशा अपने खाते में मानती आई है। 2013 के विधानसभा चुनाव में थोड़ा झटका लगा था परंतु 2018 के विधानसभा चुनाव में रिकवरी हो गई थी। कमलनाथ का पूरा फोकस पिछड़ा वर्ग को वोट बैंक में तब्दील करने पर बना हुआ था बाकी 2023 के विधानसभा चुनाव में आवश्यक पूर्ण बहुमत से ज्यादा सीटें प्राप्त की जा सके लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी कार्ड खेलकर कांग्रेस की तिजोरी में सेंधमारी कर दी है। मध्य प्रदेश की राजनीतिक खबरों के लिए कृपया MP political news पर क्लिक करें.