भोपाल। अतिथि विद्वानों के स्थान परिवर्तन का आदेश आज जारी हुआ है, जो पूरे अकादमिक सत्र में एक बार कर सकते हैं। ऑनलाइन रिक्तियां दिखेंगी और अतिथि विद्वान ऑनलाइन ही आवेदन करेंगे फिर ऑनलाइन ही मेरिट सूची जारी होगी और जहां भी रिक्त जगह होगी वही अतिथि विद्वान को पदस्थापित किया जाएगा।
इससे अतिथि विद्वानों को थोड़ी राहत मिलेगी जो दूर दराज के होंगे। पर शर्त यही होगी की जहां भी संबंधित अतिथि विद्वान जाना चाहता है वहा वह जगह रिक्त होनी चाहिए। साथ ही साप्ताहिक च्वाइस फिलिंग प्रक्रिया जो टेक्निकल त्रुटि और दिवाली अवकास के कारण रुकी हुई थी वो भी प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इससे पिछले 2 वर्षो से फालेन आउट अतिथि विद्वानों को रोजगार मिल जाएगा।
गौरतलब है कि अतिथि विद्वान दशकों से अपने नियमितीकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का वादा और पुरजोर समर्थन वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कई बार कर चुके हैं पर आज तक इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया गया।देखना है कि अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण के नाम पर सत्ता में आने वाली सरकार कब तक अपना वादा पूरा करती है।
अविलंब अतिथि विद्वानों की सेवा शर्तों में सुधार, दिहाड़ी के स्थान पर फिक्स मानदेय,म्यूच्यूअल व्यवस्था के तहत अतिथि विद्वानों का युक्तियुक्तकरण तथा मानदेय में बढ़ोतरी जैसी अत्यावश्यक मांग तुरंत शासन प्रशासन को माननी चाहिए।नियमितीकरण कर तत्काल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी और उच्च शिक्षा मंत्री जी वादा पूरा करें।
डॉ आशीष पांडेय
मीडिया प्रभारी,अतिथि विद्वान महासंघ
सरकार के इस आदेश से अतिथि विद्वानों को कोई ख़ास लाभ नहीं है,सरकार अगर वास्तव में गंभीर है अतिथि विद्वानों के लिए तो तत्काल कैबिनेट में प्रस्ताव लेकर आए,नियमितीकरण कर भविष्य सुरक्षित करे।नई शिक्षा नीति में वर्क लोड बढ़ गया है महंगाई चरम पर है तो मानदेय में वृद्धि की जाए।
डॉ देवराज सिंह,अध्यक्ष
अतिथि विद्वान महासंघ