मंदसौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित मध्य प्रदेश का पूरा स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 के 100% वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर रहा है और मंदसौर के 8 अस्पतालों में टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाने के बावजूद एक भी व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लगाया गया। कलेक्टर ने 8 डॉक्टरों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है।
कलेक्टर गौतम सिंह ने डॉ. मनीष दानगढ, प्रभारी मेडिकल आफिसर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शामगढ, डॉ. मनीष पंजाबी प्रभारी मेडिकल आफिसर सिविल अस्पताल गरोठ, डॉ. मनीष मिण्डा प्रभारी मेडिकल आफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कयामपुर, डॉ. जगदीश गेहलोत प्रभारी मेडिकल आफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नाहरगढ, डॉ. स्नेहिल जैन प्रभारी मेडिकल आफिसर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुवासरा, डॉ. वी.के. सुराह प्रभारी मेडिकल आफिसर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतामऊ, डॉ. नारायणसिंह सिसोदिया प्रभारी मेडिकल आफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खडावदा एवं डॉ. तनुजा भावसार प्रभारी मेडिकल आफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बोलिया को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
22 नवम्बर 21 को कोविड-19 टीकाकरण सत्र का आयोजन किया गया था परंतु इनके द्वारा किसी भी नागरिक का कोविड-19 का टीकाकरण नही किया गया। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए टीकाकरण ही एक मात्र उपाय है। इसके बावजूद इनके द्वारा 22 नवम्बर 21 को को टीकाकरण सत्र आरंभ करने हेतु कोई कार्यवाही भी नही कि गई। कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस में लिखा है कि इससे यह प्रतीत होता है कि आपके द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती जा रही है। उक्त कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम (1) के खण्ड (एक) (दो) का स्पष्ट उल्लघंन करने तथा पदीय दायित्वों का उचित प्रकार निर्वहन नही करना तथा अपने कार्य के प्रति कर्तव्य परायण एवं संनिष्ठ नही रहते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही के भागी बन गये है।
कारण बताओ सूचना पत्र का स्पष्टीकरण कलेक्टर को प्रस्तुत करें। स्पष्टीकरण संतोषप्रद नही होने की स्थिति में एक पक्षीय कार्यवाही की जावेगी इस हेतु आप स्वयं उत्तरदायी होगे। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.