भोपाल। बड़ा और गंभीर मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के उज्जैन केंद्रीय जेल में बन रहे एक कैदी ने खुलासा किया है कि जेल के अधिकारियों ने उससे कई बड़े आईपीएस अधिकारियों और जजों के मोबाइल फोन हैक करवाए और कई तरह के साइबर क्राइम करने के लिए दबाव बनाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT- स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है। आरोपी अधिकारियों को भोपाल हेड क्वार्टर में अटैच कर दिया गया है।
महाराष्ट्र के रहने वाले अमर अनंत अग्रवाल को सन 2018 में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उसे भैरवगढ़ जेल में बंद किया गया था। आरोपी अग्रवाल ने कोर्ट से निवेदन किया था कि उसे किसी दूसरी जेल में ट्रांसफर किया जाए। कोर्ट ने उसे भोपाल सेंट्रल जेल में ट्रांसफर करने के आदेश दिए। इसी महीने अमर अनंत अग्रवाल भोपाल सेंट्रल जेल में ट्रांसफर होकर आया था। यहीं पर उसने मामले का खुलासा करते हुए शिकायत की। मामला गंभीर था इसलिए हेड क्वार्टर तत्काल एक्शन में आ गया।
SIT द्वारा उसे फर्स्ट राउंड की पूछताछ की जा चुकी है। साइबर सेल को उसने बताया कि जेल के कई अधिकारियों ने उसे साइबर क्राइम करने के लिए मजबूर किया। उसे लैपटॉप दिया गया और डार्क नेट के माध्यम से कई खातों में सेंधमारी की गई। इतना ही नहीं कई वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों एवं न्यायालय के न्यायाधीशों के मोबाइल फोन हैक किए गए। अधिकारी उनकी बातों को सुनते थे और रिकॉर्डिंग करते थे।
मध्य प्रदेश जेल मुख्यालय ने उज्जैन केन्द्रीय जेल के उप जेल अधीक्षक संतोष लड़िया, सहायक जेल अधीक्षक सुरेश कुमार गोयल, प्रहरी धमेन्द्र नामदेव को जेल मुख्यालय अटैच किया है। तीनों अधिकारी इन्वेस्टिगेशन पूरी होने तक हेड क्वार्टर अटैच रहेंगे। एसआईटी द्वारा तीनों से पूछताछ भी की जाएगी। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया madhya pradesh news पर क्लिक करें.