जबलपुर। हाई कोर्ट जबलपुर ने मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों से जुड़े एक मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार से कहा कि खिलाड़ियों को कोर्ट में नहीं, मैदान में दौड़ाएं। उल्लेखनीय है कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि वितरण में गड़बड़ी कर दी जिससे नाराज खिलाड़ियों को हाई कोर्ट में याचिका लगानी पड़ी।
खेल विभाग के प्रमुख सचिव और खेल संचालक को हाई कोर्ट का नोटिस
चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की पीठ ने खेल और युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव व खेल संचालक को नोटिस जारी कर पूछा है कि पुरस्कार नियम में प्रावधान होने के बावजूद भी खिलाड़ियों के राष्ट्रीय पदक पर पुरस्कार राशि क्यों नहीं दी गई। कोर्ट ने 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
नेशनल लेवल के खिलाड़ियों ने सरकार के खिलाफ याचिका लगाई है
गौरतलब है कि जबलपुर निवासी नेशनल मेडलिस्ट वृशु खिलाड़ी अदिति श्रीवास्तव, आदि श्रीवास्तव एवं वीर सिंह राजपूत ने याचिका लगाई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन के राजपत्र में 8 मार्च 2019 में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार व प्रोत्साहन राशि देने के लिए नियम बनाए गए हैं। जिसे दरकिनार करते हुए खेल अधिकारियों ने प्रतिभावान खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि नियम विरुद्ध कम दी और कुछ को दी ही नहीं।
खिलाड़ियों के पुरस्कार खा गई शिवराज सरकार
खेल विभाग के पुरस्कार नियम 2019 के अनुसार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पर ₹100000, रजत पदक ₹75000 और कांस्य पदक पर ₹50000 प्राइस मनी दी जानी थी परंतु इस वर्ष प्रतिभावान खिलाड़ियों को अत्यंत ही कम राशि दी गई है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.