भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में महंगाई और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के बावजूद कांग्रेस पार्टी की शर्मनाक पराजय के बाद पार्टी के अंदर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया है।
कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने के लिए कमलनाथ की टीम एक्टिव हो गई है। जबलपुर में सोशल मीडिया डिपार्टमेंट के जिलाध्यक्ष अशरफ मंसूरी को हटा दिया गया है क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर कमलनाथ के खिलाफ अपने विचार व्यक्त कर दिए थे। उन्होंने लिखा था कि 'कार्यकर्ताओं को चलो-चलो कहने वाले को जनता ने चलता कर दिया।' इस कार्रवाई के बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कमलनाथ के खिलाफ आक्रोश कम नहीं हो रहा है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी में अनुशासन के नाम पर पार्टी के नेताओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित किया जाता है। इससे पहले भी इस प्रकार की कार्रवाई हो चुकी हैं। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता अपने अपने तरीके से नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की भारतीय जनता पार्टी के साथ सांठगांठ है। इसी के चलते वह या तो जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट नहीं देते या फिर उन्हें प्रचार नहीं करने देते। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें