भोपाल। मध्य प्रदेश की बिजली कंपनी में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों का सीधा सवाल यह है कि जब हम बिजली कंपनी के कर्मचारी ही नहीं है तो फिर बिजली कंपनी के कर्मचारियों के लिए बनाए गए टाइम टेबल का पालन क्यों करें। शासन द्वारा सभी कर्मचारियों के लिए घोषित किए गए कैलेंडर का पालन क्यों नहीं। आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि उनसे दीपावली और गुरु नानक जैसे त्योहारों पर काम कराया जा रहा है। इसके बदले में कोई दूसरे दिन भी अवकाश नहीं दिया जा रहा।
श्रम आयुक्त के पास बिजली कंपनी की शिकायत की गई है। बिजली कंपनी आउटसोर्स कर्मचारियों की नियोक्ता नहीं है, लेकिन आउटसोर्स कर्मचारियों पर वह सारे नियम लागू किए जाते हैं जो बिजली कंपनी के कर्मचारियों के लिए निर्धारित होते हैं। अजीब बात यह है कि जो सुविधाएं और अधिकार बिजली कंपनी के कर्मचारियों को प्रदान किए जाते हैं वह अधिकार और सुविधाएं आउटसोर्स कर्मचारियों को नहीं दी जाती। यानी कर्तव्य के लिए सामान नीति और अधिकार के लिए भेदभाव।
19 नवंबर 2021 को प्रकाश पर्व का सार्वजनिक अवकाश होने के बावजूद आउटसोर्स कर्मचारियों से काम करवाया गया। गांधी जयंती और दीपावली जैसे छुट्टी के दिन भी काम करवाया गया। आउटसोर्स कर्मचारियों को कोई बोनस नहीं दिया जाता और ना ही कोई ओवरटाइम। बिजली कंपनी के अधिकारियों को सार्वजनिक अवकाश के दिन यदि काम पर बुलाया जाता है तो उनकी छुट्टी किसी दूसरे दिन एडजस्ट की जाती है परंतु आउटसोर्स कर्मचारियों को इतनी राहत भी नहीं दी जाती।
बिजली आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधि राजकुमार महस्की ने बताया कि सब स्टेशन आपरेटर और कम्प्यूटर आपरेटरों को राजस्व वसूली के लिए अवकाश के दिनों में भी काम पर बुलाया जा रहा है। अधिकारियों ने राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन गांधी जयंती को और दीपावली को ऐसा ही किया था। वाट्सएप सूचना देकर सभी को काम पर बुला लिया। सभी कर्मचारियों ने इस दिन काम भी किया। इस ऐवज में बाद में अवकाश दिया जाना था, जो कि नहीं दिया गया। 19 नवंबर को प्रकाश पर्व के दिन भी अधिकारियों ने वाट्सएप पर सूचना दी और सभी को बुला लिया।
बिजली कंपनी आउटसोर्स कर्मचारियों से छुट्टी के दिन फ्री में काम कराती है
आउटसोर्स कर्मचारियों का आरोप है कि जरूरी होने पर अवकाश के दिन भी काम कर सकते हैं। इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन इस दिन कराए गए काम के स्थान पर बाद में अवकाश दिया जाना चाहिए, जो नहीं दिया जा रहा है। बाद में अवकाश नहीं देते हैं, तो अवकाश के दिन कराए गए काम का भुगतान करना चाहिए, जो कि नहीं किया जा रहा है। इस वजह से कर्मचारियों में असंतोष है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP Employee news पर क्लिक करें.