ग्वालियर। ज्योतिरादित्य सिंधिया कैंप में तुलसी सिलावट पोजीशन पर हैं। श्रीमती इमरती देवी चुनाव हारने के बाद भी पावर में हैं। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का अपना कैडर है। इस लिस्ट में पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का नाम भी आता है परंतु श्री सिसोदिया अब भारतीय जनता पार्टी में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने एक बयान देकर केंद्रीय नेतृत्व तक एक मैसेज पहुंचाने की कोशिश की है कि यदि आदिवासियों के साथ कम्युनिकेशन की जरूरत हो तो उनके पास पर्याप्त एक्सपीरियंस है। बताने की जरूरत नहीं कि मध्यप्रदेश में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी आदिवासियों के वोट बैंक पर फोकस कर रही है।
मैं आदिवासियों के मामले में परिपक्व: मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया
जोबट विधानसभा के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद श्री सिसोदिया आदिवासी पॉलिटिक्स में कैरियर तलाश रहे हैं। गुना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने ना केवल यह जताया कि 70 साल से कांग्रेस पार्टी के खाते में चल रही जोबट विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत के पीछे उनकी कड़ी मेहनत लगी है बल्कि यह भी बताया कि वह आदिवासियों के मामले में परिपक्व हैं।
मुझे पता है आदिवासियों को क्या चाहिए क्या नहीं: पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया
गुना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके लिए जोबट आसान इसलिए था कि आलीराजपुर के समस्त आदिवासियों की रिश्तेदारियां बमोरी (गुना) विधानसभा में हैं। उन कॉमन रिश्तेदारियों का लाभ उन्हें मिला। उन्होंने कहा कि इस बात से काफी खुशी होती है कि वह आदिवासियों के मामले में परिपक्व हैं। उन्हें पता है कि आदिवासियों को क्या चाहिए और क्या नहीं। यही वजह रही कि जो 70 वर्षों से परंपरागत रूप से कांग्रेस की सीट थी, वहां भाजपा ने जीत हासिल की। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.