भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में विधायकों को वन-टू-वन चर्चा के लिए बुलाया गया था। संगठन की तरफ से कार्यक्रम पहले ही जारी कर दिया गया था। बैठक दोपहर में होने वाली थी और विधायक सुबह 11:00 बजे पहुंच गए थे परंतु अचानक बैठक का समय बदल गया। कल भाजपा कार्यालय में सबसे बड़ा सवाल यही था कि अचानक बैठक का समय क्यों बदला।
मुख्यमंत्री नहीं चाहते थे पीठ पीछे मुरलीधर राव और विधायकों की चर्चा हो
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं चाहते थे कि उनकी पीठ के पीछे संगठन के उचित प्लेटफार्म पर विधायकों और प्रदेश के प्रभारी मुरलीधर राव के बीच चर्चा हो। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित सभी विधायक समय पर उपस्थित थे परंतु सीएम शिवराज सिंह चौहान तीर्थ यात्रा पर तमिलनाडु गए थे। उनके वापस आने के बाद ही चर्चा शुरू हुई।
शिवराज सिंह चिंतित क्यों है, मध्य प्रदेश भाजपा में क्या चल रहा है
दरअसल वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जरूर है परंतु इस सरकार को शिवराज सरकार नहीं कहा जाता क्योंकि भाजपा को सत्ता में लाने के लिए शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोई विशेष परिश्रम नहीं किया गया। पिछले कुछ दिनों में शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर ना केवल अपनी टीम को पावरफुल कर दिया है बल्कि उनसे असहमत रहने वाले नेताओं को किनारे कर दिया गया है। इस लिस्ट में डॉ नरोत्तम मिश्रा जैसा बड़ा नाम भी है।
याद दिलाना जरूरी है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कई जमीनी कार्यकर्ताओं ने खुलकर कहा था कि यदि शिवराज सिंह चौहान के नाम पर वोट मिलते हैं तो हमारी क्या जरूरत है। निश्चित रूप से चिंता की बात है कि यदि विधायकों ने यही लाइन दोहरा दी, तो मुश्किल हो सकती है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें