भोपाल। सबको पता है, न्यूज़ वेबसाइट और अखबारों में छपा, टीवी चैनल पर वीडियो चला कि कांग्रेस विधायक सचिन बिरला उप चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा में शामिल हो गए। मंच पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। इन खबरों का सचिन बिरला ने खंडन नहीं किया लेकिन विधानसभा अध्यक्ष जांच करेंगे। सचिन बिरला से पूछेंगे, आप भाजपा में शामिल हुए या नहीं।
नियम बदलने चाहिए। इस तरह के मामलों को विधानसभा सचिवालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेना चाहिए लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के पत्र का इंतजार कर रहे थे। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक एवं पूर्व मंत्री डाॅ. गोविंद सिंह ने 9 नवंबर को पत्र लिखा था, लेकिन शपथ पत्र नहीं था। पत्र के साथ शपथ पत्र संलग्न होने में 26 नवंबर की तारीख आ गई। डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि अब उन्होंने शपथ पत्र देकर निरर्हता नियम 1986 के नियम आठ के तहत विधि संगत कार्रवाई का अनुरोध किया है।
कांग्रेस विधायक सचिन बिरला 24 अक्टूबर को भाजपा में शामिल हुए थे
खंडवा संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव के समय बड़वाह विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक सचिन बिरला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में 24 अक्टूबर 2021 को भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने स्वयं चुनावी सभा में भाजपा में शामिल होने की बात कही और मुख्यमंत्री ने उनका दल में स्वागत किया था। कांग्रेस पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री की सभा की वीडियो सीडी विधानसभा अध्यक्ष को दी गई है।
पत्र और प्रमाण मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष क्या करेंगे
डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के अधीन निर्मित मध्य प्रदेश विधानसभा सदस्य दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता नियम 1986 के नियम आठ के तहत जल्द कार्रवाई की जाए। जबकि विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस के नोटिस का परीक्षण कराने के बाद आगामी कार्रवाई के लिए निर्देशित करेंगे। इसमें कांग्रेस विधायक दल से उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज पर साक्ष्य लिए जा सकते हैं। वहीं, सचिन बिरला से भी उनका पक्ष लिया जाएगा।
जांच के दौरान सचिन बिरला की सरकारी सुविधाएं सस्पेंड नहीं की जाएंगी
कितनी अजीब बात है, सब कुछ सामने होने के बाद भी प्रक्रिया के नाम पर कार्रवाई को लंबे समय तक डाला जाएगा। जांच की प्रक्रिया के दौरान सचिन बिरला को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं सस्पेंड नहीं की जाएंगी। जबकि शासकीय कर्मचारियों के मामले में उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया जाता है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें