भोपाल। रेत की राजनीति आधे से ज्यादा मध्यप्रदेश के केंद्र में हैं। रेत के रास्ते में गड़बड़ी होते ही विभिन्न प्रकार के मुद्दे और जनहित की बातें सामने आने लगती है। चौंकाने वाली बात यह है कि मीडिया ट्रायल के दौरान कई मामलों में सभी पक्ष रेत की रासलीला खेलते हुए दिखाई दिए।
विधायक राजेश प्रजापति को कलेक्टर से क्या खतरा है
इस तरह के विवादों का किसी रेस्ट हाउस में डिनर के साथ कभी भी अंत हो जाता है परंतु फिलहाल खबर यह है कि छतरपुर में विधायक राजेश प्रजापति और कलेक्टर शैलेंद्र सिंह के बीच तनाव बढ़ गया है। विधायक ने कलेक्टर को अपना दुश्मन बताया है। कहा है कलेक्टर से उन्हें जान का खतरा है। विधायक को डर है कि कलेक्टर उनके डंपर में अवैध रेत भरवा कर उन्हें राजसात कर सकते हैं। उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा सकते हैं। किसी सुपारी किलर को हायर करके उनकी हत्या करवा सकते हैं।
विवाद तूल पकड़ चुका है लेकिन असली बात कोई नहीं बता रहा
विधायक राजेश प्रजापति 3 घंटे तक कलेक्टर के दरवाजे पर धरना दिया बैठे रहे। प्रथम दृष्टया कलेक्टर ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया परंतु मीडिया ट्रायल में सवाल तो उठता है कि विधायक और कलेक्टर की मुलाकात तो कलेक्टर ऑफिस में हो चुकी थी, फिर विधायक उनसे मिलने उनके घर क्यों गए। मजेदार बात यह है कि विधायक और कलेक्टर दोनों के बयान आए हैं लेकिन दोनों ने नहीं बताया कि असली कारण क्या है।
कलेक्टर ने कहा कि विधायक बंदूक का लाइसेंस सहित दो काम लेकर आए थे। दूसरा काम क्या था कलेक्टर ने नहीं बताया। विधायक ने कहा कि मैं क्षेत्रवासियों की समस्या लेकर कलेक्टर से मिलने गया था लेकिन 3 घंटे के धरने के दौरान विधायक ने मीडिया को क्षेत्र वासियों की समस्या के बारे में कुछ नहीं बताया।
दोनों के बयानों से सिर्फ एक बात समझ में आई कि दोनों के बीच में लड़ाई हो गई है। कौन सही है और कौन गलत यह शायद कभी पता नहीं चल पाएगा। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.