भोपाल। मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार द्वारा किया गया पंचायतों का परिसीमन निरस्त कर दिया है। इसी के साथ मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश-2021 लागू कर दिया है। इसकी अधिसूचना रविवार देर शाम जारी की गई।
1 साल से चुनाव नहीं हुए इसलिए सभी परिसीमन निरस्त
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पंचायतों को परिसीमन चुनाव से पूर्व कराए जाने का प्रावधान है। ऐसी पंचायतें, जहां परिसीमन तो हो गया, लेकिन उसके प्रकाशन से एक साल के भीतर चुनाव नहीं कराए गए, तो उक्त परिसीमन को निरस्त माना जाएगा। इससे ठीक वैसी ही व्यवस्था लागू हो जाएगी, जो परिसीमन के पहले थी। आरक्षण भी वैसा ही रहेगा, जैसा पूर्व में था। यह व्यवस्था उन पंचायतों में लागू नहीं होगी, जिसके क्षेत्र किसी नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित किए गए हैं।
कमलनाथ सरकार ने 1200 नई पंचायतें बनाई थीं
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ सरकार ने सिंतबर 2019 में प्रदेश में जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक नया परिसीमन कर करीब 1200 नई पंचायतें बनाई थी, जबकि 102 ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया गया था। इसी तरह, 1950 की सीमा में बदलाव भी किया गया था।
2011 की जनसंख्या के आधार पर ग्राम पंचायतों का परिसीमन किया गया था
इसमें ग्राम पंचायतों की आदर्श आबादी दो से ढाई हजार और पांच हजार से अधिक जनसंख्या और उसमें दो राजस्व ग्राम शामिल होने पर उसका विभाजन कर ग्राम पंचायत गठित की गई थीं। इसी तरह, जिला पंचायत में जनसंख्या 5 लाख से कम होने पर कम से कम 10 निर्वाचन क्षेत्र किए गए थे। हालांकि जनसंख्या ज्यादा होने पर अधिकतम 35 निर्वाचन क्षेत्र भी किए गए थे। इसके बाद कमलनाथ सरकार में ग्राम पंचायतों का आरक्षण भी हो गया था।
मध्य प्रदेश में पंचायतों की संख्या
मध्य प्रदेश में 23,835 ग्राम पंचायतें हैं। 904 जिला पंचायत सदस्य और 6035 जनपद सदस्य त्रि-स्तरीय पंचायत का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2014-15 में पंचायत चुनाव हुए थे। इससे 2020 तक उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। बता दें कि परिसीमन से पहले प्रदेश में प्रदेश में 22 हजार 812 पंचायतें थीं। मध्य प्रदेश में चुनाव संबंधी समाचार एवं अपडेट के लिए कृपया mp election news पर क्लिक करें.