चूँकि अधिगम और विकास दोनों ही परस्पर संबंधित है और इनका एक दूसरे पर प्रभाव पड़ना भी स्वाभाविक ही है। अधिगम या सीखना हर समय, हर जगह, हर प्रकार से होता है। यहां तक कि हम सजीव के साथ-साथ निर्जीव चीजों से भी कुछ ना कुछ सीखते ही रहते हैं।
इसीलिए किसी क्षेत्र विशेष की जलवायु, मिट्टी, खनिज की उपलब्धता, पानी, हर चीज अधिगम को प्रभावित करती है। चूँकि बालक का विकास अवस्थाओं में होता है (शैशवास्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था आदि) और उसका अधिगम भी अवस्थाओं के अनुसार ही होता है।
इसके अलावा पर्यावरण, वंशानुगति, अभिप्रेरणा (मोटिवेशन) शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य, बुद्धि, रुचि हर कारक ही अधिगम को प्रभावित करता है। परंतु ध्यान रहे कि अधिगम नेगेटिव या पॉजिटिव किसी भी प्रकार से विकास को प्रभावित कर सकता है।
इन सब में से सबसे महत्वपूर्ण है, मोटिवेशन। यदि आप सीखने के लिए हर समय मोटिवेटेड है, वह भी आंतरिक रूप से, ना कि बाहरी रूप से तभी आप सीख सकते हैं।
अमेरिकन साइकोलॉजिस्ट बीएफ स्किनर (B.F. Skinner) जिन्होंने व्यवहारवाद (Behaviourism) पर काम किया उन्होंने तो यहां तक भी कहा है कि "Motivation is the National Highway Or Super Highway to Learning"
यानी यदि अगर आप सीखने के लिए तत्पर हैं या मोटिवेटेड हैं या आपके सामने कोई goal है या आप Intrested हैं तो आपके अधिगम की गाड़ी ठीक वैसे ही दौड़ेगी जैसे- राष्ट्रीय राजमार्ग पर, गाड़ियां दौड़ती हैं।
MP TET VARG-3 संबंधित व्याख्यान
वस्तुनिष्ठ प्रश्न अधिगम 1-2, Multiple Choice Questions ( MCQ)
अधिगम Learning
बाल विकास की अवधारणा, Concept of Child Development
विकास के प्रकार, Types Of Development
अस्वीकरण: सभी व्याख्यान उम्मीदवारों को सुविधा के लिए सरल शब्दों में सहायता के लिए प्रस्तुत किए गए हैं। किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते एवं अनुशंसा करते हैं कि आधिकारिक अध्ययन सामग्री से मिलान अवश्य करें।