जैसा कि हमने अपने पिछले टॉपिक- बाल विकास की अवधारणा (concept of child development) में जाना की विकास एक सतत प्रक्रिया है। विकास का अर्थ होता है, सर्वांगीण विकास। जो कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक, भाषाई, चारित्रिक, नैतिक हर प्रकार का होता है।
शारीरिक विकास या वृद्धि क्या है - what is physical development
इन सभी प्रकारों में से शारीरिक विकास को हम वृद्धि (Growth) कह सकते हैं और कुछ हद तक मानसिक विकास भी वृद्धि का ही भाग होता है, परंतु शारीरिक विकास एक निश्चित उम्र तक ही होता है। मानसिक विकास, शारीरिक विकास के साथ तो होता ही है, परंतु यह और भी आगे चलता रहता है।
मनोशारीरिक विकास क्या है- what is psycho physical development
शारीरिक विकास के अलावा बाकी के सभी विकास के प्रकार जैसे मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक, भाषाई, चारित्रिक, नैतिक यह सभी मिलाकर मनो शारीरिक यानी साइकोफिजिकल विकास (psycho physical development) कहलाते हैं। जिनका की विकास निरंतर चलता रहता है कभी रुकता नहीं है।
तो कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि एक सामान्य बालक या बालिका वृद्धि, परिपक्वता, अधिगम और विकास के बाद ही अपने जीवन में आगे बढ़ सकता है।
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अस्वीकरण: सभी व्याख्यान उम्मीदवारों को सुविधा के लिए सरल शब्दों में सहायता के लिए प्रस्तुत किए गए हैं। किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते एवं अनुशंसा करते हैं कि आधिकारिक अध्ययन सामग्री से मिलान अवश्य करें।