भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में आज अचानक 200 से ज्यादा पैरामेडिकल स्टूडेंट्स घुस आए और नारेबाजी करते हुए तोड़फोड़ कर दी। ऑफिस स्टाफ ने खुद को एक कमरे में बंद करके छात्रों के गुस्से से बचाया। दरअसल स्टूडेंट पिछले 3 साल से एक ही क्लास में पढ़ रहे हैं। डिपार्टमेंट ना तो जनरल प्रमोशन दे रहा है और ना ही परीक्षा करवा रहा है।
भोपाल के माता मंदिर स्थित मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में अचानक छात्रों के उग्र प्रदर्शन से घबराए अधिकारियों ने पुलिस बुला ली। अधिकारी इतने डरे हुए थे कि पुलिस की मौजूदगी में भी स्टूडेंट से बात करने के लिए नहीं आए। मौजूद पुलिस अधिकारियों ने स्टूडेंट से बात की और उनका गुस्सा शांत करवाया। शांति का वचन देने के बाद 5 विद्यार्थियों के पैनल को रजिस्ट्रार डॉ. पूजा शुक्ला से मिलाया गया। यहां छात्रों से उनका ज्ञापन लिया गया परंतु पावती नहीं दी गई।
3 साल से एक ही क्लास में पढ़ रहे हैं, डेट घोषित होती है लेकिन परीक्षा नहीं होती
छात्र गुलशन राय ने बताया कि पैरामेडिकल कॉलेजों (मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, जबलपुर) में छात्रों ने वर्ष 2019 में एडमिशन लिया था। कुछ महीने बाद से ही कोविड-19 महामारी के कारण संबद्ध विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा आयोजित नहीं की गई। अब तीसरा साल शुरू हो गया है, लेकिन हम सिर्फ पढ़ाई कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने इस संबंध में कई बार परीक्षा की तिथि घोषित भी गई थी, लेकिन परीक्षा नहीं हुई। अब वे 1 दिसंबर से परीक्षा लेने का कह रहे हैं। जिस तरह से नर्सिंग छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया गया है उसी आधार पर उन्हें भी प्रमोशन दिया जाए।
यह मांगें हैं
कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए 2019-20 के फर्स्ट, सेकंड और थर्ड ईयर के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के हिसाब से मार्क्स दिए जाएं।
यदि जनरल प्रमोशन नहीं दे सकते तो परीक्षाएं ऑनलाइन या ओपन बुक के माध्यम से ली जाए।
अब परीक्षा लिए जाने का कोई मतलब ही नहीं है।
अगर विभाग उनकी बात नहीं मानता है, तो वह लिखित में दे कि वे उनकी मदद नहीं कर सकते।
नर्सिंग छात्रों की तरह ही विभाग उन्हें भी जनरल प्रमोशन दे।
नर्सिंग के छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया तो पैरामेडिकल को क्यों नहीं
कुछ दिन पहले ही मध्यप्रदेश आर्युविज्ञान मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर द्वारा नर्सिंग छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया गया। कोर्ट के आदेश पर यह निर्णय लिया गया। हालांकि पैरामेडिकल के लगभग 20 हजार छात्रों को जनरल प्रमोशन नहीं दिया गया। पैरामेडिकल छात्र भी 2-3 साल से इसी प्रकार की लेटलतीफी और अनियमिताओं का शिकार हुए। मध्य प्रदेश प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित खबरों के लिए कृपया MP career news पर क्लिक करें।