महोदय जी, जैसा कि हम सभी जानते हैं विगत वर्ष हमने कोरोना जैसी महामारी का सामना किया है। 2020 और 2021 ना केवल हमारे देश बल्कि पूरे विश्व ने बड़ी कठिनाई से गुजारे, कोरोना के काल में कई लोगों ने इस महामारी से बचाव एवं सुरक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान भी दिया है। पूरे स्वास्थ्य विभाग ने पूरी मेहनत के साथ समाज की सेवा की है और अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। स्वास्थ्य विभाग के लिए काम करने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों ने भी समान कार्य करते हुए समाज की सेवा की है।
वर्तमान में एनएचएम में कार्यरत कर्मचारी वेतन विसंगति जैसी जटिल समस्या से जूझ रहे हैं। कहने को तो यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन है पर मानदेय के मामले में यह राज्य के स्तर से भी नीचे आ जाता है। जिस संस्थान के पास राष्ट्रीय तमगा है उसका वेतन कम से कम राज्य के वेतनमान मापदंडों से ऊपर होना चाहिए पर ऊपर की बात तो छोड़िए यह वेतन के मामले में राज्य से भी नीचे चला जाता है। ऐसे में इतने कठिन समय में कार्य कर रहे कर्मचारियों का मनोबल टूटता है।
मैं यहां सवाल करना चाहता हूं ऐसा कौन सा फार्मूला लागू होता है जो यह संस्थान डॉक्टर्स को लाखों रुपए से अधिक और दूसरे कर्मचारियों को ₹12000 या ₹9000 भुगतान करता है। क्या आपको नहीं लगता कि ₹9000 या ₹12000 वर्तमान महंगाई और व्यक्ति की गरिमा के विपरीत है। सुप्रीम कोर्ट अपने निर्णय में कह चुका है कि समान कार्य समान वेतन दिया जाना चाहिए। मैं पूछना चाहता हूं क्या मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने ऐसी कोई योजना बनाई है जिससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन का लाभ मिल सके।
महोदय जी मेरा निवेदन है की समान कार्य समान वेतन के मामले को गंभीरता से लेते हुए इसका जल्द से जल्द निपटारा किया जाए और बाकी कर्मचारियों की तरह एनएचएम के कर्मचारियों को भी व्यक्तिगत गरिमा और वर्तमान महंगाई के साथ वेतन का निर्धारण किया जाए। धन्यवाद मध्य प्रदेश के कर्मचारियों से संबंधित समाचारों के लिए कृपया Karmchari news MP पर क्लिक करें।