इंदौर। मध्यप्रदेश में राज्य सेवा परीक्षा 2021 की तैयारी और 2019 एवं 2020 के रिजल्ट का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों का सवाल है कि यदि हाईकोर्ट में 27% ओबीसी आरक्षण का मामला 10 साल तक चलता रहा तो क्या 10 साल तक मध्य प्रदेश में एमपीपीएससी परीक्षा नहीं होगी। सनद रहे कि प्रमोशन में आरक्षण मामले में ऐसा ही हुआ है। पिछले 5 साल से शासकीय सेवा में प्रमोशन नहीं हुए। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है।
उम्मीदवार तंग आ चुके हैं और बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। वह सरकार के सामने स्पष्ट कर चुके हैं कि 14% ओबीसी आरक्षण के साथ परीक्षा में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। चाहे तो अतिरिक्त 13% विवादित सीटों को आरक्षित कर सकते हैं परंतु 13% सीटों के विवाद पर 77% सीटों पर परीक्षा को रोकना न्याय पूर्ण तो नहीं हो सकता। उम्मीदवारों का कहना है कि हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की तैयारी भी कर रहे हैं।
OBC पॉलिटिक्स के कारण मध्य प्रदेश के 6 लाख युवाओं का भविष्य अधर में
रोस्टर को लेकर शासन के अड़ियल रवैये और कोर्ट में चल रहे ओबीसी आरक्षण (14 से 27 फीसदी किए जाने) के मामले के कारण न केवल रिजल्ट रुके हुए हैं, बल्कि परीक्षाएं भी अटक गई हैं। इसका असर सीधे तौर पर 6 लाख अभ्यर्थियों पर पड़ रहा है।
शेड्यूल के मुताबिक नवंबर में परीक्षा होना थी
राज्य सेवा परीक्षा-2021 का तो विज्ञापन ही जारी नहीं हो सका। इसमें साढ़े तीन 3 लाख के आसपास अभ्यर्थी शामिल होना हैं। अब हालात जीरो ईयर के बन रहे हैं।
कट ऑफ के इंतजार में नवंबर में होने वाली मुख्य परीक्षा-2020 भी स्थगित हो गई।
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा- 2020 में कुल 2 लाख 80 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इनका रिजल्ट तो जारी हो गया, लेकिन मेरिट और कट ऑफ ही जारी नहीं हुआ।
नवंबर में होने वाली मुख्य परीक्षा अब अगले साल फरवरी-मार्च में तभी हो पाएगी, जब दिसंबर में रिजल्ट जारी होगा।
कोविड की दूसरी लहर के कारण मई की परीक्षा 25 जुलाई हो हो पाई थी। 23 से 28 नवंबर तक मुख्य परीक्षा होना थी।
रिवाइज कैलेंडर में राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 के लिए भी नवंबर तय किया गया था। इसका नोटिफिकेशन अक्टूबर में जारी होना था, लेकिन अब तक नहीं आया है। ऐसे में परीक्षा अगले साल होगी, वह भी कब होगी, कहना मुश्किल है।