जबलपुर। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षकों की नियुक्ति में 27% ओबीसी आरक्षण एवं 10% EWS आरक्षण के संबंध में हाई कोर्ट में दाखिल की गई अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान आज मध्यप्रदेश शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया।
मध्यप्रदेश शासन की ओर से अधिकृत विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने आयुक्त लोक शिक्षण, भोपाल की ओर से जवाब-दावा दाखिल किया। जवाब में बताया गया कि शिक्षकों की नियुक्ति न्याय संगत तरीके से की गई है एवं हाई कोर्ट के किसी भी आदेश का उल्लंघन नहीं किया गया है। जिन मामलों में हाई कोर्ट का स्टे है, उनको छोड़कर शेष भर्तियों के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने दो सितंबर, 2021 को परिपत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 27 प्रतिशत ओबीसी व 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है। इसके बावजूद अवमानना याचिकाकर्ता जो कि मध्य प्रदेश के मूल निवासी नहीं हैं, उन्होंने चुनौती दे दी। लिहाजा, उन्हें राजस्थान से तलब किया जाए।
इस पर अवमानना याचिकाकर्ता राजस्थान निवासी शांतिलाल जोशी, बृजकिशोर शर्मा, इंसाफ अली व राजेंद्र कुमार यादव की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने साफ किया कि उन्हें कुछ देर पहले ही जवाब-दावा की प्रति मुहैया कराई गई है। अभी तक जवाब-दावा विधिवत हाई कोर्ट में प्रस्तुत नहीं हुआ है। लिहाजा, इसका अध्ययन करने के बाद अवमानना याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखने समय दिया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 29 नवंबर 2021 निर्धारित की है। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों से संबंधित समाचारों के लिए कृपया Karmchari news MP पर क्लिक करें।