चंडीगढ़। भारत के चंडीगढ़ राज्य में सभी प्रकार के अस्थाई कर्मचारी अब परमानेंट हो जाएंगे। क्योंकि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की कैबिनेट ने सभी प्रकार के संविदा, अनुबंध, कॉन्ट्रैक्ट, तदर्थ, दैनिक वेतन एवं अन्य किसी भी प्रकार के अस्थाई तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है।
मंगलवार दिनांक 9 नवंबर 2021 को पंजाब सरकार की कैबिनेट बैठक में यह डिसीजन लिया गया। सभी प्रकार के अस्थाई कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के लिए पंजाब प्रोटेक्शन एंड रेगुलराइजेशन ऑफ कॉन्ट्रैक्चुअल एम्प्लॉइज बिल-2021 को मंजूरी दी गई। विधेयक को अधिनियमन बनाने के लिए विधानसभा में पेश किया जाएगा।
10 साल पुराने अस्थाई कर्मचारियों को परमानेंट किया जाएगा
इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि कैबिनेट ने आज एक बड़े फैसले में 36,000 कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया। यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस फैसले से 10 साल से अधिक सेवा वाले करीब 36 हजार कर्मचारियों की सेवाएं नियमित कर दी जाएंगी। पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
पंजाब में कर्मचारी का न्यूनतम वेतन 9192.72 रुपए मासिक
एक अन्य निर्णय में, कैबिनेट ने एक मार्च, 2020 से न्यूनतम वेतन में वृद्धि को भी मंजूरी दी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर न्यूनतम वेतन में संशोधन एक मार्च, 2020 को होना था। इसमें 415.89 रुपये की वृद्धि की गई है, जिससे यह अब 8776.83 रुपये से बढ़कर 9192.72 रुपये हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यूनतम वेतन में वृद्धि के साथ, एक कर्मचारी 1 मार्च, 2020 से अक्टूबर, 2021 तक 8,251 रुपये का बकाया पाने का भी हकदार होगा। कर्मचारियों से संबंधित समाचारों के लिए कृपया employees news पर क्लिक करें।