ग्वालियर। शनिश्चरा पर्वत पृथ्वी पर एक मात्र स्थान है जहां पर शनिदेव साक्षात विराजमान हुए थे। शनिदेव के दंड विधान से क्षमा प्राप्ति के लिए दुनिया भर के लोग यहां आते हैं। ज्योतिषाचार्य राधेश्याम शर्मा का कहना है कि साढ़ेसाती शनि की दशा प्रारंभ होने से 6 महीने पूर्व अपना प्रभाव दिखाने लगती है। मीन राशि वालों पर 29 अप्रैल 2022 से शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ होने वाली है। यानी मीन राशि वाले लोग शनि के प्रभाव में आ गए हैं।
धनु राशि वालों को राहत का समय शुरू
प्रकृति में न्याय के देवता शनि देव 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हो जाएगी। शनिदेव एक राशि में ढाई वर्ष तक गोचर करते हैं। कुंभ राशि में प्रवेश करते ही धनु राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। धनु राशि वालों के अंतिम 6 महीने चल रहे हैं। उन्हें राहत मिलना प्रारंभ हो गई होगी।
मिथुन और तुला राशि वाले ढैय्या से मुक्त होंगे, कर्क और वृश्चिक पर शुरू होगी
शनि हर ढाई साल में अपनी राशि बदलते हैं। इन्हें अपना राशि चक्र पूरा करने में करीब 30 साल का समय लगाते हैं। शनि 2022 में 29 अप्रैल में अपनी राशि बदलेंगे। फिर 5 जून से ये वक्री चाल शुरू कर देंगे और अपनी उल्टी चाल चलते हुए ये मकर राशि में फिर से गोचर करने लगेंगे। मीन राशि वालों पर शनि साढ़े साती 29 अप्रैल 2022 से लेकर 17 अप्रैल 2030 तक रहेगी। 2022 में शनि के राशि बदलते ही कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी। मिथुन और तुला वालों को इससे मुक्ति मिलेगी।