संत रामपाल के कथित अनुयाई का मुंह काला किया, 15 वर्षीय बालक का ब्रेनवाश करने का आरोप- MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में संत रामपाल के एक कथित अनुयाई का मुंह काला करके जुलूस निकाला गया और उसे थाने ले जाया गया। उस पर आरोप है कि उसने कक्षा 9 में पढ़ने वाले 1 स्टूडेंट का ब्रेनवाश किया और उसके माता-पिता की सहमति के बिना एक आश्रम में ले जाकर संत रामपाल के नाम की दीक्षा दिलवा दी गई।

मामला मुरैना जिले के के जौरा कस्बे का है। फर्नीचर के कारोबारी श्री रमेश शिवहरे का छोटा बेटा ग्रीन वर्ल्ड स्कूल में कक्षा 9 का छात्र है। उनके पड़ोस में ही लज्जाराम कड़ेरा रहते हैं। वह खुद को संत रामपाल का भक्त बताते हैं। उनके पास में रहने वाले छुट्टन बाथम भी खुद को संत रामपाल का भक्त बताते हैं। छात्र के पिता रमेश शिवहरे ने शिकायत की है कि लॉकडाउन के समय ऑनलाइन क्लास चल रही थी। उनका बेटा पड़ोसी लज्जाराम के यहां उनके बच्चों के साथ ऑनलाइन क्लास अटेंड करता था। 

2 साल तक ऑनलाइन क्लास चलती रही। इस दौरान लज्जाराम ने उनके बेटे का ब्रेनवाश कर दिया और बिना उनकी मंजूरी और जानकारी के उनके बेटे को एक आश्रम में ले जाकर संत रामपाल के नाम की दीक्षा दिला दी। बेटे के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा। उसने घर के बड़ों के पैर छूना बंद कर दिया। देवी देवताओं की निंदा करने लगा। 

जब उसका मोबाइल चेक किया तो मोबाइल के अंदर संत रामपाल के नाम की दीक्षाएं और इस प्रकार के विचार रखने वाले कई लोगों के साथ बातचीत का रिकॉर्ड मिला। घर वालों ने बच्चे का घर से निकलना बंद करवा दिया। उसका मोबाइल छीन लिया गया। इसके बाद पिता रमेश शिवहरे के पास धमकी भरे फोन आने लगे। कहा जाता था कि यदि तुमने अपने बच्चे को हमारे आश्रम के हवाले नहीं किया तो हम तुम्हारे बड़े बेटे का अपहरण करके ले जाएंगे। 

पुलिस में की थी शिकायत, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई 

चंबल की सबसे बड़ी समस्या पुलिस है। यहां की पुलिस शिकायत पर कार्रवाई नहीं करती। इस मामले में भी ऐसा हुआ। पिता ने जौरा थाने में शिकायत की थी परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई। नतीजा आरोपियों की हिम्मत बढ़ गई, और अपने बेटे को बचाने के लिए मोहल्ले वालों के साथ मिलकर छुट्टन बाथम को पकड़ा गया, मुंह काला करके थाने ले जाया गया। 

संत रामपाल या फिर उनके आश्रम की तरफ से इस घटना के संदर्भ में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। समाचार लिखे जाने तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि आरोपी संत रामपाल से जुड़े हुए हैं अथवा संत रामपाल के नाम का दुरुपयोग कर रहे थे।

General knowledge- नाबालिग बच्चों को माता-पिता की मर्जी के बिना ले जाना अपराध 

सनद रहे कि भारतीय दंड संहिता के अनुसार 18 साल से कम आयु के बच्चों को उनके माता-पिता की मर्जी के बिना कहीं पर भी ले जाना अपराध है। इसे अपहरण माना जाता है। फिर चाहे 18 वर्षों से कम आयु के अवयस्क बच्चे किसी के साथ जाने के लिए सहमत ही क्यों ना हो। बच्चों की सहमति, किसी को कानूनी अधिकार प्रदान नहीं करती। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.

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