इंदौर। देश के कई विद्वानों के अनुसार टैक्स की चोरी करना एक प्रकार का देशद्रोह है। बच्चों को अच्छी शिक्षा और करियर का मार्गदर्शन देने का दावा करने वाली कौटिल्य एकेडमी कोचिंग से आयकर विभाग को बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी मिली है। टैक्स चुराने के लिए स्टूडेंट्स से नगद फिर भी ली जाती थी।
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि कौटिल्य एकेडमी कोचिंग ग्रुप के यहां छानबीन के बाद पाया गया कि स्टूडेंट्स से 25 करोड़ रुपए फीस के रूप में नगद लिए गए। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को यह भी पता चला है कि फ्रेंचाइजी से और रॉयल्टी से प्राप्त इनकम को छुपाया गया और दूसरे खातों में शिफ्ट किया गया। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में पेरेंट्स कौटिल्य अकादमी पर विश्वास करते हैं।
डिजियाना ग्रुप- बेनामी लेनदेन, डमी कंपनियों का हिसाब किताब मिला
इंदौर शहर में केबल टीवी का कारोबार करने वाले डिजियाना ग्रुप के यहां से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बड़े पैमाने पर बिजली कंपनियों का हिसाब किताब और बेनामी लेन देन मिला है। आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि टैक्स चुराने के लिए कंपनी में बड़े पैमाने पर नगद में फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन किए हैं।
टैक्स चोरी कर बचाई गई आय को अचल संपत्तियों में निवेश किया गया है। एंट्री ऑपरेटरों से डमी कंपनियोें के माध्यम से 40 करोड़ की एंट्री भी ग्रुप ने ली है। इस मामले में मुख्य एंट्री ऑपरेटर, की हैंडलर के साथ ही डमी डायरेक्टरों की भी पहचान की गई है। इनके यहां भी जांच की गई। इसमें डमी डायरेक्टरों और संचालकों ने भी माना है कि कंपनियां केवल कागजी हैं और इसमें वह मुख्य ऑपरेटर के इशारे पर काम करते हैं। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया इंदौर न्यूज़ पर क्लिक करें.