भोपाल। ankita construction company भोपाल नगर निगम कमिश्नर की जांच में दोषी पाई गई है। सीवेज टैंक के मेजरमेंट और मेंटेनेंस करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाते। अनुभवहीन बच्चों को खतरनाक काम पर लगाया गया। एक छात्र और इंजीनियर की मौत हो गई लेकिन पूरे मामले में कंपनी के डायरेक्टर्स को बचाने की कोशिश की जा रही है। उल्लेखनीय है कि गत दिवस हुई दुर्घटना में अंकिता कंस्ट्रक्शन कम्पनी के फील्ड इंजीनियर श्री दीपक कुमार सिंह निवासी कुशीनगर एवं श्रमिक श्री भरत सिंह निवासी झाबुआ की सीवेज मेन होल में गिरने से मृत्यु हो गई थी।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने तत्काल जांच के आदेश दिए थे
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने भोपाल की सीवेज परियोजना के लाऊखेड़ी में एक छात्र और इंजीनियर की मौत का समाचार प्राप्त होते ही जांच के आदेश दिए थे और 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट आने के बाद सरकार की तरफ से दोनों मृतकों के परिजन को 10-10 लाख रुपये देने के निर्देश दिए गए और अंकिता कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा पर्याप्त सुरक्षा मानकों को लागू नहीं करने और अपने कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं करने के संबंध में अनुबंध के अनुसार पेनाल्टी अधिरोपित करने के निर्देश भी दिये हैं।
नगरीय विकास मंत्री ने पुलिस कमिश्नर को FIR के लिए पत्र लिखा
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने पुलिस कमिश्नर भोपाल को पत्र लिखा है कि सीवेज परियोजना में अंकिता कंस्ट्रक्शन के दो कर्मचारियों की मृत्यु पर आयुक्त नगर निगम भोपाल द्वारा की गई प्राथमिक जाँच में प्रथम दृष्ट्या सुरक्षा मानकों की कमी के कारण घटना घटित होना पाया गया है। यह तथ्य भी सामने आया है कि मृतक श्रमिक नाबालिग था। इससे यह स्पष्ट होता है कि अंकिता कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा आपराधिक कृत्य किया गया है। अत: घटना की गंभीरता को देखते हुए कम्पनी के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध गंभीर अपराध करने तथा नाबालिग श्रमिक को कार्य में रखे जाने के संबंध में एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाये।
ध्यान देने वाली बातें
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मात्र 24 घंटे में जांच पूरी करने के निर्देश दिए। (ताकि जांच का दायरा कंपनी के डायरेक्टर तक पहुंची ना पाए)
मजदूरों को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाने के लिए मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कंपनी पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। (जबकि गड़बड़ी उनकी जांच के दौरान नहीं बल्कि दो लोगों की मृत्यु के बाद सामने आई है। उस सरकारी अफसर को सस्पेंड नहीं किया जिसकी जिम्मेदारी थी कि वह अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी के काम की जांच करें।)
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पुलिस कमिश्नर भोपाल को लिखे पत्र में कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है। (जिस प्रकार शासकीय कर्मचारी शासन की नीतियों का पालन करता है उसी प्रकार प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी अपनी कंपनी की नीतियों का पालन करते हैं, नीति का निर्धारण डायरेक्टर करते हैं।) भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें.