भोपाल। बिजली कंपनियों ने अपना पैसा बचाने के लिए मीटर रीडिंग जैसे जनता से संपर्क वाले काम हेतु आउटसोर्स और अस्थाई कर्मचारी नियुक्त किए हैं। नतीजा समाज को भुगतना पड़ सकता है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मीटर रीडिंग लेने आया बिजली कंपनी का कर्मचारी 12 साल की बच्ची को घर में अकेला देखकर घुस गया। उसने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। वह तो अच्छा था कि बच्ची को चीखने चिल्लाने का मौका मिल गया और तत्काल आस पड़ोस के लोग इकट्ठा हो गए।
हबीबगंज पुलिस थाने की सब इंस्पेक्टर एवं मामले की इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर सुनीता ने बताया कि 12 वर्षीय छात्रा शुक्रवार दोपहर में अपने घर में अकेली थी। उसके मां और पिता सीहोर अपने एक रिश्तेदारी में गए हुए थे। इस दौरान बिजली विभाग का संविदा कर्मचारी मोनू वर्मा (22) घर में मीटर रीडिंग लेने पहुंचा। मीटर रीडिंग लेने के बाद उसने बालिका को बिल दिया और पीने के लिए पानी मांगा। बालिका ने उसे एक गिलास पानी लाकर पिलाया। इसी दौरान आरोपित ने भांप लिया कि घर में बालिका के अलावा कोई नहीं है और उसकी नीयत खराब हो गई।
उसने बालिका से एक गिलास पानी और मांगा। बालिका पानी लेने जैसे ही अंदर गई, तो आरोपित भी उसके पीछे-पीछे घर में घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया। पीड़िता ने शोर मचाया तो आसपड़ोस के लोग जमा हो गए। उसी समय उसके माता-पिता भी वापस आ गए। पड़ोसियों की भीड़ को बढ़ता हुआ देखकर मीटर रीडर वहां से भाग गया। बाद में पीड़िता ने थाने पहुंचकर आरोपित के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पोस्को एक्ट और छेड़खानी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर आरोपित की तलाश तेज कर दी है। इस घटना के बाद इलाके में मीटर रीडरों को लेकर आक्रोश की स्थिति बन रही है। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें.