भोपाल। संयुक्त संचालक कृषि ने संभाग के सभी जिलों के समस्त कृषकों से अनुरोध किया है कि रबी मौसम की बुआई के दौरान खाद, बीज का क्रय जिन संस्थाओं से करते है, उसका पक्का बिल अवश्य लें। यदि कोई व्यापारी, दुकानदार पक्का बिल देने में आनाकानी करता है अथवा समय पर बिल नही देता है तो अविलम्ब इसकी जानकारी स्थानीय एसडीएम के संज्ञान में अवश्य लाएं। ताकि संबंधित विक्रेता के खिलाफ जांच पड़ताल कर कठोर कार्यवाही की जा सकें।
आवश्यकता से अधिक रासायनिक उर्वरकों का उपयोग न करें
भोपाल। संयुक्त संचालक कृषि श्री बी.एल.बिलैया द्वारा भोपाल संभाग के सभी जिलों के किसानों को सलाह दी गई है कि आवश्यकता से अधिक रासायनिक उर्वरकों का उपयोग न करें। फसल के लिये अन्य पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है।
सभी किसान अपने खेत की मिटटी परीक्षण कराएं
कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि किसान मिटटी परीक्षण कराए और उसी के हिसाब से रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी गई है। किसानों से आग्रह किया गया है कि वे कृषि वैज्ञानिकों से सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर उर्वरकों का उपयोग करें ताकि फसल का अच्छा उत्पादन प्राप्त हो। वर्तमान मे रबी की फसलों के लिये जिले में पर्याप्त खाद की उपलब्धता है।
रबी की फसलों के लिये खाद की मात्रा
गेंहू के लिये यूरिया 213 कि.ग्रा. एन.पी.के. 186 कि.ग्रा., म्यूरेट ऑफ पोटास 17 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर, चना के लिये यूरिया 44 तथा सुपर फास्फेट 375 कि .ग्रा. प्रति हेक्टर, सरसों के लिये यूरिया 130 कि.ग्रा. सुपर फास्फेट 188 कि.ग्रा. तथा म्यूरेट ऑफ पोटास 33 किग्रा. प्रति हेक्टर, मसूर के लिये यूरिया 54 कि.ग्रा. तथा सुपर फास्फेट 313 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर देकर अनुशंसित उर्वरक मात्रा की पूर्ति की जा सकती है।
डीएपी खाद यूरिया के विकल्प के
किसान भाईयों से अपील की गई है कि गेंहू, सरसों, चना एवं मसूर फसल में रासायनिक खाद की अनुशंसित मात्रा का ही उपयोग करें। डीएपी के विकल्प के रुप में एन.पी.के. व एस.एस.पी. यूरिया एव म्यूरेट ऑफ पोटास उर्वरकों का उपयोग कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है। साथ ही सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करने से सल्फर 11 प्रतिशत एवं केल्शियम 21 प्रतिशत भी प्राप्त होंगें, जो फसल का उत्पादन बढाने में सहायक होंगें। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें.