मुख्यमंत्री सर, हमारे पिता जी हमीद हुसैन भूमी विकास बैंक मे लिपिक पद थे। बैंक को शासन द्वारा बन्द कर दिया गया और उनको रिटायर कर दिया गया। 10 साल का वेतन बकाया था, जिसका भुगतान नहीं किया गया। पिछले 8 साल से सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर रहे हैं परंतु निराकरण नहीं होता।
शासन ने बैंक को बंद कर दिया और जिन कर्मचारियों की सर्विस 2 साल से ज्यादा बची थी उनको दूसरे बैंकों में संविलियन कर दिया। शेष कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी। अब ना तो बैंक बचा है और ना ही बैंक का कर्मचारी। जब भी cm helpline पर शिकायत किय जाती है तो अधिकारियों की ओर से निराकरण मे ये लिखा जाता है कि बैंक कि लेनदारी आने पर भुगतान किया जायेगा, पर सवाल यह है कि बैंक मे जब कोइ कर्मचारी है ही नही तो लेनदारी केसे होगी।
हर बार यही जवाब देकर गुमराह कर रहे हैं। 10 सालो का वेतन पिछले 8 सालों से मांग रहे हैं। बकाया वेतन नही मिल रहा है। पेंशन भी मात्र 2209 रुपए मिलती है केसे घर का गुजारा होगा। समाधान के लिए इस बार PMO को शिकायत भेजी गई थी। PMO से शिकायत का निराकरण करने हेतु MP के CS को भेजी ओर MP के CS ने शिकायत को CM helpline पर डाल दी। इस बार फ़िर वही जवाब बैंक कि ओर से दिया गया। 10 साल का इन्तेजार करने के बाद भी बकाया वेतन नही मिल रहा है। (सीएम हेल्पलाइन पर ताजा शिकायत का नंबर 15608231)
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