उमरिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर के मेहरा ने सर्दियों के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए लोगों से निमोनिया जैसी मौसमी बीमारियों से बचने हेतु समसामयिक सलाह देते हुए कहा है कि निमोनिया एक गंभीर बीमारी है जो हर उम्र के व्यक्तियों को हो सकती है लेकिन यह सबसे ज्यादा 5 साल तक के बच्चों की मृत्यु का कारण बन जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु निमोनिया के कारण होती है निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण होता है जो कि बैक्टीरिया वायरस या केमिकल प्रदूषण की वजह से होता है। उन्होंने बताया कि निमोनिया के लक्षणों में जैसे तेज सांस लेना, कफ की आवाज आना, खांसी आना, सीने में दर्द, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, शरीर में दर्द मांसपेशियों में दर्द, नवजात शिशुओं में कोई विशेष लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन यदि नवजात शिशु देखने में बीमार लगे, दूध न पिए, रोए या बुखार हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेकर इलाज करवाएं।
उन्होंने कहा कि नवजात शिशु के जन्म के समय यदि बच्चे को मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं उसे अवश्य पिलाना चाहिए जिससे नवजात को निमोनिया के संक्रमण से बचे रहे।
उन्होंने बताया कि बच्चों को निमोनिया से बचने का सबसे अच्छा तरीका है बच्चों को निमोनिया का टीका लगवाना 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को निमोनिया की वैक्सीन लगवाना चाहिए यह बच्चों को 6 सप्ताह, 14 सप्ताह एवं 9 महीने में लगवाने होते हैं यह सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क लगाए जाते हैं। नियमित स्तनपान से निमोनिया से बच्चों का बचाव करता है। संबंधित लेख: न्यूमोनिया क्या है, कैसे फैलता है, लक्षण एवं उपाय - What Is Pnemonia, How Does It Spreads