आम तौर पर देखा जाता है कि किसी वर्ग विशेष द्वारा किसी व्यक्ति के अधिकारों का हनन हो जाता है। तब क्या पूरे वर्ग विशेष व्यक्ति को न्यायालय में अपने अधिकार की रक्षा के लिए जाना होगा या एक ही व्यक्ति को न्यायालय वर्ग मान सकता है जानिए।
भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 14 (14) की परिभाषा
कोई अधिनियम जो व्यक्तियों का वर्गीकरण करता है केवल इस आधार पर अवैध नहीं हो जाता कि वह वर्ग जिसको वह लागू होता है एवं उसमे केवल के ही व्यक्ति हैं। यदि किन्ही विशेष परिस्थितियों के कारण वह केवल एक व्यक्ति को लागू होता हैं और दूसरों को नहीं, तो उस एक व्यक्ति को ही वर्ग माना जा सकता है【चिरंजीत लाल बनाम यूनियन ऑफ इंडिया. सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट】।
•जम्मू और कश्मीर राज्य बनाम बख्शी गुलाम मोहम्मद:-
उक्त मामले में मुख्यमंत्री बख्शी गुलाम मोहम्मद के विरुद्ध भ्रष्ट आचरण की जाँच के लिए बैठाए गए जाँच आयोग को विधिमान्य घोषित किया गया, क्योंकि वे स्वयं एक वर्ग थे ओर अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से अलग थे। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com