कोरोना काल से पहले पिछले साल इस विषय को लेकर काफी बहस हुई थी। स्पष्ट किया गया था कि एक महिला अपने पति के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज नहीं करा सकती। अलबत्ता घरेलू हिंसा का प्रकरण जरूर दर्ज करवा सकती है परंतु क्या आप जानते हैं, एक सिचुएशन ऐसी भी होती है जब महिला को अपने पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत प्रकरण दर्ज करवाने का अधिकार मिलता है। आइए जानते हैं:
यदि पुलिस दर्ज ना करे तो क्या महिला सीधे कोर्ट में शिकायत कर सकती है
अगर कोई पति अपनी पत्नी से न्यायिक पृथक्करण डिक्री द्वारा या अन्य प्रथा से अलग रह रहा है, एवं वह इस दौरान अपनी पत्नी से जबर्दस्ती संबंध बनाता है तब यह धारा 376 (ख) के अंतर्गत बालात्कार का अपराध होगा, लेकिन इसकी शिकायत किस न्यायालय में एवं किसके द्वारा होगी जानते हैं।
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 198 (ख) की परिभाषा
कोई भी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मामले पर तब संज्ञान लेगा जब पुलिस रिपोर्ट द्वारा या पीड़ित महिला (पत्नी) द्वारा पति के विरुद्ध धारा 376 ख के अंतर्गत कोई परिवाद फाइल किया गया हो। अन्यथा न्यायालय मामले का संज्ञान नहीं लेगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com