जब किसी व्यक्ति पर किसी अपराध का आरोप लगाया जाता है तब उस के खिलाफ एक आरोप पत्र बनाया जाता है। आपराधिक मामलों में आरोप पत्र को लिखने की एक निर्धारित विधि एवं भाषा है। सिविल मामले में आदेश-6 एवं 7 में आरोप पत्र को सामान्य भाषा में लिख सकते हैं लेकिन आपराधिक मामले में कैसे लिखा जाता है जानते हैं:-
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 211 की परिभाषा【आरोप पत्र की अन्तर्वस्तु】:-
• प्रत्येक अपराध का कथन जो आरोपी पर आरोप लगाये जा रहे हैं।
• अगर कोई अपराध भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार किया गया है तब धाराएं सहित आरोप का वर्णन करे।
• अगर भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत किये गए अपराध की धाराएं याद नहीं तो आरोप पत्र में ऐसा वर्णन करे कि आरोपी को मालूम हो कि उस पर कौनसे अपराध का आरोप लगाया गया है।
• वह तथ्य जिसके अनुसार आरोपी पर आरोप लगाया गया है,एवं जिसमे आरोपी का अपराध बनता है।
• आरोप हमेशा न्यायालय की भाषा में लिखा जाएगा।
• अगर कोई आरोपी पहले से किसी अपराध का दोषी था एवं वह दोबारा से वही या अन्य कोई अपराध करता है तब पुनः आरोप पत्र लिखते समय पहले किये गए अपराध का विवरण देना होगा, अगर किसी कारण कुछ कथन छूट जाते हैं तब न्यायालय उसे दण्डादेश देते समय जोड़ सकता है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com