नई दिल्ली। Department of Pension & Pensioners Welfare ने फैमिली पेंशन एवं कर्मचारी के उत्तर का त्योहार से संबंधित एक बड़े विवाद पर स्थिति स्पष्ट की है। ऐसे हजारों प्रकरण है जिसमें कर्मचारी की मृत्यु के बाद पैदा हुई संतान को उत्तराधिकारी नहीं माना जाता। उसे फैमिली पेंशन से भी वंचित कर दिया जाता है।
कर्मचारी की मृत्यु के बाद जंग में संतान को उत्तराधिकार का अधिकार
भारत सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया है कि फैमिली पेंशन से संबंधित 75 महत्वपूर्ण नियमों में ऐसी स्थिति का प्रावधान पहले से है। सरकारी कर्मचारी के निधन के बाद पैदा हुआ बच्चा भी फैमिली पेंशन का हकदार है। अगर सरकारी कर्मचारी रिटायर हो चुका है और उसकी मृत्यु के बाद कोई बच्चा पैदा होता है तो वो भी फैमिली पेंशन का पात्र है। यानी नौकरी के समय या नौकरी के बाद भी अगर कोई बच्चा पैदा होता है तो वो पेंशन का हकदार है।
जानिए क्लेम करने का तरीका
- अगर किसी सेवारत सरकारी कर्मचारी की किसी कारणवश मृत्यु हो जाती है तो फैमिली पेंशन के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ, कार्यालयाध्यक्ष को अपना दावा प्रस्तुत करना होगा।
- इसके बाद ही पेंशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
- अवयस्क बालक या मानसिक रूप से मंद बालक होने के मामले में, उसका अभिवावक ये दावा प्रस्तुत कर सकता है।
- सरकारी कर्मचारी अगर किसी को नॉमिनी बनाना कहता है तो वो भी बच्चे के लिए फैमिली पेंशन का दावा प्रस्तुत कर सकता है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्या करें.