ठंड के कारण लोग अंधे भी हो जाते हैं, पढ़िए कारण, लक्षण और बचाव के तरीके- Dry eyes

Bhopal Samachar

Dry eyes- Causes, symptoms and methods of prevention

सर्दी का मौसम हर लिहाज से अच्छा माना जाता है फिर चाहे वह स्वास्थ्य हो या फिर फैशन। ठंड के मौसम में आप काफी सारे गरमा गरम व्यंजन खा सकते हैं लेकिन कुछ ऐसी समस्याएं हैं जो इस मौसम में किसी को भी परेशान कर सकती हैं। उनमें से एक है आंखो में सूखेपन की समस्या यानी ड्राई आई की प्रॉब्लम। 

क्या आप जानते हैं, जिनकी आंखों में आंसू नहीं आते वह अंधे हो सकते हैं

जी हां, ड्राई आई का मतलब वैसी आंख से है जब आंख में स्थित आंसू ग्रंथियां पर्याप्त आंसू का निमार्ण नहीं कर पाती। यह समस्या सर्दी के मौसम में ज्यादा होती है। यह बीमारी कनेकटिव टिशू के डिसआर्डर होने से होती है। यह समस्या अधिक होने की स्थीति में आंख की सतह को नुकसान पहुंचा सकती है और जिसके परिणामस्वरूप अंधेपन की समस्या भी हो सकती है। 

आंखों में बीमारी के लक्षण

  • आंखो में सूखेपन जैसा महसूस होना, 
  • आंखों में खुजली व जलन का एहसास, 
  • हर वक्त आंखों को मलते रहना, 
  • ऐसा महसूस होना कि जैसे की आंखों में कंकड़ घुस गया हो, 
  • आंखों से बिना कारण पानी का निकलते रहना, 
  • बिना कारण आंखों का थक जाना या 
  • सूजन के फलस्वरूप सिकुड़ कर छोटा हो जाना।  

आंखों में बीमारी के कारण

  • मौसम के अलावा आंखों के ड्राई होने के और भी कई कारण हो सकते हैं। 
  • विटामिन सी की कमी के कारण, 
  • महिलाओं में मेनोपॉज के बाद, 
  • कुछ दवाओं जैसे सल्फा ग्रुप इत्यादि के एलर्जी रीएक्शन के कारण, 
  • एलर्जी की समस्या से ग्रसित होने पर, 
  • कुछ बीमारी जैसे की थॉयरायड जैसी समस्या होने पर, 
  • लंबे समय तक बिना पलक झपकाएं कंप्यूटर पर काम करते रहने से, 
  • अधिक देर तक टीवी देखने से व 
  • उच्च स्तर के प्रदुषण के कारण। 

सूखी आंख (ड्राई आई) का मेडिकल ट्रीटमेंट

डॉ रितिका सचदेव का कहना है कि ड्राई आई की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए उपचार के तौर पर अभी तक केवल आंखों में चिकनाई उत्पन्न करने वाला ड्राप बना है लेकिन इस दिशा में और भी कुछ नए संभावित विकल्प के तौर पर उभर कर सामने आएं हैं। अब साइक्लोसपोरिन ड्रॉप जो कि रोगी के इमेन्यू सिस्टम के साथ काम करते है। रोगियों में कनेकटिव-टिशू डिसआर्डर होने पर उनको वायरायड पैबौलॉजी करनी चाहिए। यह 40- 50 प्रतिशत मामलों में मददगार हो रहा है। यह आंखों में चिकनाई लाने वाली आई ड्राप्स की आवश्यकता को कम करता है। 

डॉं. अनीता सेठी एवं डॉ गौरव नागपाल का कहना है कि दूसरा विकल्प पंकटल प्लग का है। यह काफी छोटी प्लग होती है, जो आंसू के श्राव को बंद कर देती है। यह मुलायम सिमीकन की बनी होती है तथा इसे आसानी से लगाया जा सकता है। यह आंसूओं को रोकने में मदद करती है जिससे की आंखों में नमी बरकरार रहें। इसके अलावा इस समस्या से ग्रसित लोगों को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

आंखों को ड्राई होने से कैसे बचाएं

  • आंखों को डायरेक्ट हवा के संपर्क में न आने दें। 
  • इससे बचने के लिए चश्में का इस्तेमाल करें। 
  • कंप्यूटर पर काम करने के दौरान बीच-बीच में पलक झपकाना नहीं भूलेें। 
  • यदि कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो एक बार अपने आंखों के डॉक्टर के पास जाएं। 
  • हेयर ड्रायर, कार हीटर, एसी ब्लोअर और पंखे से आंख को दूर रखें। 
  • धूप में जाने से पहले आंखों को कवर करना ना भूलें। 
  • सर्दी के मौसम में कमरे को गर्म रखने वाले उपकरणों से आंखों को बचाएं। 
  • इसके लिए हीटर के पास एक मग पानी रख दें ताकि रूम में नमी बनी रहें। 
  • विशेष प्रकार के डिजायन किए गए ग्लास आंखों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। 
  • आंखों में जलन या खुजली महसूस होने पर इसे रगड़ने के बजाय आंखों पर ठंडे पानी से छींटे मारे।
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