भारतीय संविधान के अनुच्छेद 36 से 51 तक भाग चार में राज्य के निदेशक तत्व बताए गए हैं। राज्य का कर्त्तव्य है कि वह एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करें। एवं राज्य में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखे लेकिन राज्य सरकार पर शराब पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई व्यक्ति दबाब नहीं बना सकता अगर राज्य सरकार चाहे तो अपने विवेकानुसार शराब बिक्री या धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट एक कानून पारित किया गया जिसके अनुसार जिसके अनुसार राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार निम्न स्थानों पर शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकती है जानिए।
तमिलनाडु राज्य बनाम के. बालू
उक्त मामले में उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि संघ सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर मदिरा की बिक्री को बंद करने की नीति मानव जीवन की सुरक्षा की सरकार की नीति को प्रवर्तित करने के लिए आवश्यक है। ऐसा करने में सरकार को अपनी नीति का प्रचलन न करके संविधान के अनुच्छेद 21 को प्रवर्तित करना है जो कि विशेषज्ञों द्वारा सोचे समझे विचार पर आधारित होता है। न्यायालय ने यह भी अभिनिर्धारित किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राजकीय राजमार्ग में कोई अंतर नहीं किया जा सकता क्योंकि सड़क उपयोग करने वाले की सुरक्षा का महत्व सर्वोपरि हैं। नि:संदेह लाइसेंस देने की शक्ति राज्यों को प्राप्त है किंतु राष्ट्रीय व राजकीय राजमार्गों पर लाइसेंस मानव जीवन के सुरक्षा ओर खतरे के दांव पर स्वीकृत नहीं करना चाहिए। मद्यनिषेध इस प्रकार के लाइसेंस की स्वीकृति को मात्र इस ढंग से विनियमित करेगा कि जिससे यह सुनिश्चित हो कि मद्यपान से राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को कोई खतरा न हो। अतः न्यायालय ने राज्यों एवं संघ क्षेत्रों को अन्य निर्देशों सहित आवश्यक निर्देश दिये कि राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों पर मंदिरा की बिक्री के लिए लाइसेंस स्वीकृत करना तुरंत बन्द किया जाये।
उपर्युक्त मामले में तीन न्यायधीशों की पीठ द्वारा उक्त आदेश को इस प्रकार संशोधित किया गया:- न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग या राज्यकीय राजमार्ग या अन्य सेवा राजमार्ग के बाहरी किराने से प्रतिबंधित दूरी 220 मीटर तक सीमित कर दिया क्योंकि बीस हजार या कम जनसंख्या के विकसित नगर-क्षेत्र के लिए राजमार्ग मंदिरा की बिक्री के लिए मुख्य सामान्य मार्ग राज्यमार्ग या सेवा मार्ग के बाहरी छोर से 500 मीटर की दूरी की अपेक्षा का परिणाम के सम्पूर्ण क्षेत्र प्रतिबंधित क्षेत्र में आ सकता था।
इन क्षेत्रों में भी जो स्थानीय निकाय के अंतर्गत आतें हैं और जिनकी जनसंख्या बीस हजार से कम है और राष्ट्रीय या राज्यमार्ग से लगे हो,मदिरा की बिक्री के लिए अनुज्ञा न दी जाती चाहिए, इसी प्रकार मदिरा की बिक्री उस स्थान पर होनी चाहिए जो इनमें से किसी भी मार्ग से दिखाई न दे।
नोट:- मेघालय और सिक्किम राज्यों को 500 मीटर दूरी बनाये रखने की अपेक्षा से छूट दी गयी एवं पहले हिमाचल प्रदेश राज्य के क्षेत्र में यह छूट दी जा चुकी थी। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com