जबलपुर। पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों एवं भोपाल के अग्रवाल बंधु की कथित मिलीभगत के कारण हुए 1000 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी या नहीं, इसका फैसला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अगले सप्ताह होने की संभावना है। पंजाब नेशनल बैंक ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत करके 1000 करोड रुपए के घोटाले की पुष्टि की है।
भोपाल के अग्रवाल बंधुओं ने 1000 करोड रुपए का पीएनबी लोन घोटाला कैसे किया
उत्तर प्रदेश के जौनपुर की निवासी व कानपुर में जीएसटी कंसल्टेंट सोनाली वर्मा की ओर से यह याचिका दायर की गई। अधिवक्ता ब्रह्मानन्द पांडे व जेके जायसवाल ने कोर्ट को बताया कि भोपाल निवासी अनिल अग्रवाल, गुलाबचंद अग्रवाल, अशोक अग्रवाल व सतीश अग्रवाल ने सांवरिया ग्रुप्स के नाम से सेल कम्पनी बनाई। पंजाब नेशनल बैंक के तत्कालीन चेयरमैन एसएस मल्लिकार्जुन की मिलीभगत के जरिए 2016-19 के बीच सांवरिया ग्रुप्स की कम्पनियों ने फर्जी तरीके से करीब 1000 रुपये लोन ले लिया। बाद में कम्पनी ने नुकसान दर्शाते हुए लोन के खात्मे के लिए रिपोर्ट पेश की।
घोटाले में पंजाब नेशनल बैंक का कौन सा अधिकारी शामिल है
दोनों अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब नेशनल बैंक के चेयरमैन मल्लिकार्जुन ने बिना इस बात की जांच किए कि कम्पनी ने कहां निवेश किया और कहां घाटा लगा, यह रिपोर्ट अंतिम रूप से मंजूर कर ली।
सीबीआई के पास शिकायत लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई
अधिवक्ताओं ने दलील दी कि इस मामले की शिकायत याचिकाकर्ता ने सीबीआई भोपाल को की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नही की गई। उल्टे उक्त कम्पनी के संचालकों ने उस पर हमला भी करवा दिया। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से निवेदन किया है कि वह सीबीआई को जांच करने के आदेश दे एवं उस पर हमला करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
भोपाल के अग्रवाल बंद होने में हस्तक्षेप याचिका पेश की है
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीएनबी व अनावेदकों अशोक अग्रवाल तथा अन्य की ओर से हस्तक्षेप याचिकाएं पेश की गईं। हाई कोर्ट ने इन्हें संज्ञान में ले लिया। वहीं सीबीआई की ओर से बताया गया कि एफआइआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई है। जबकि बैंक की ओर से प्रस्तुत की गई याचिका में कहा गया है कि यदि कोर्ट आदेश देगा तो हम FIR दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.