ग्वालियर। ट्रांसपोर्ट नगर में स्थित आरके डेयरी के मैनेजर विजय राजौरिया को कोर्ट ने 1 साल जेल की सजा और ₹10000 जुर्माना सुनाया है। यह फैसला 12 साल पुराने एक मामले पर आया। खाद्य विभाग ने नकली घी बेचने का आरोप लगाया था।
खाद्य निरीक्षक डीके सोनी ने 27 मार्च 2009 को मिलावटी खाद्य सामग्री का विक्रय किए जाने के संदेह में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरके डेयरी पर छापा मारा था। कार्रवाई के दौरान उन्होंने घी, तेल सहित अन्य खाद्य सामग्री के नमूने लिए थे और सील बंद कर इन्हें जांच के लिए लैब में भेजा गया था। लैब की रिपोर्ट आने के बाद 19 जून 2009 को कोर्ट में परिवाद दायर किया। जिसमें डेयरी के मैनेजर विजय राजौरिया, फर्म के मालिक राजकुमार अग्रवाल को आरोपित बनाया गया। यह केस 2009 से लंबित चला आ रहा था, लेकिन हाई कोर्ट ने पुराने केसों को प्राथमिकता पर निराकरण के आदेश दिए हैं।
पुराने केस दिसंबर माह के समाप्त होने से पहले निराकृत करने हैं। जिससे इस केस को विशेष केस के रूप में चिन्हित किया गया। इस केस की लगातार सुनवाई की गई और किसी भी पक्ष को तारीखें नहीं दी गईं। कोर्ट ने इस केस की ट्रायल पूरी कर ली। राजकुमार अग्रवाल को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया, लेकिन अंजली मोडरेट फैट घी विक्रय के लिए डेयरी पर रखा था जो मिथ्या छाप निकला। इसके लिए विजय राजौरिया को दोषी माना गया। विजय ने बचाव में तर्क दिया कि उसकी उम्र 48 साल है। खाद्य अपमिश्रण अधिनियम समाप्त हो चुका है। उसकी जगह पर फूट सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट आ गया है, जिसमें अपराध के लिए अर्थदंड का प्रावधान है।
साथ ही उसने तर्क दिया कि यह उसका पहला अपराध है इसलिए दंड देने में नरमी बरती जाए। जबकि अभियोजन ने कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। जिससे मिलावट के मिथ्या छाप व मिलावट के कारोबार पर रोक लग सके। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित को एक साल की सजा सुनाई है और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।