ग्वालियर। लगता है जब तक कोई जनहित याचिका दाखिल नहीं होगी परिवहन आयुक्त खटारा एंबुलेंस के मामले में कोई कार्यवाही नहीं करेंगे। शहर के बीचो बीच गंभीर रूप से बीमार मरीज को ले जा रही है एंबुलेंस में आग लग गई। ऑक्सीजन पर जिंदा मरीज को एंबुलेंस से उतारकर सड़क पर लिटा दिया गया। दूसरी एंबुलेंस का इंतजाम किया गया। मरीज की जान खतरे में थी।
घटना शुक्रवार 17 दिसंबर 2021 दोपहर के समय की है। न्यू जनक हॉस्पिटल से गंभीर रूप से बीमार एक मरीज को ऑक्सीजन के साथ जयारोग्य हॉस्पिटल और शिखर डायग्नोसिस्ट भेजा गया था। अचलेश्वर मंदिर चौराहा के पास अचानक एंबुलेंस में आग भड़क गई। ड्राइवर ने तत्काल एंबुलेंस को रोका और जनता से मदद मांगी। शुक्र है इलाका भीड़ भरा था। लोग तत्काल मदद के लिए आ गए। मरीज को एंबुलेंस से बाहर निकाल कर सड़क पर लिटा दिया गया। दमकल बुलाई। एंबुलेंस की आग बुझाई। दूसरी एंबुलेंस बुलाई फिर मरीज को भेजा गया। मरीज पहले से ही गंभीर हालत में था।
खटारा एंबुलेंस सड़क पर चलती कैसे हैं, परिवहन विभाग की रिश्वतखोरी जानलेवा
कहने की जरूरत नहीं, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी परिवहन विभाग में होती है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की रिश्वतखोरी जानलेवा है। खटारा बस और एंबुलेंस लोगों की मौत का कारण बन जाते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि खटारा एंबुलेंस सड़क पर खुलेआम कैसे दौड़ती हैं। हाल ही में ऑटो रिक्शा मामले में हाईकोर्ट की फटकार के बाद कार्रवाई की गई है। क्या ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एंबुलेंस के मामले में भी किसी जनहित याचिका का इंतजार कर रहे हैं। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.