ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का दावा है कि गोवा की आजादी में सिंधिया राजवंश का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि हंगोजी राव सिंधिया, महाराजा रानोजी सिंधिया और मानाजी राव सिंधिया ने गोवा की आजादी के लिए पुर्तगालियों से युद्ध लड़े थे।
गोवा की आजादी (19 दिसंबर 1961) के 60 साल पूरे होने पर पूरे देश में गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने की कहानियां सुनाई जा रही है। एक बार फिर इतिहास को याद किया जा रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया कि मेरे पूर्वजों ने भी पुर्तगाल के खिलाफ गोवा की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी। श्री हंगोजी राव सिंधिया ने साल 1733 से लेकर 1769 तक पुर्तगालियों के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ीं।
उन्होंने साल 1739 में माहिम और केलवे किले पर मराठा ध्वज फहराई थी। महाराजा रानोजी सिंधिया ने माहिम और वसई पर जीत हासिल की थी और 18वीं सदी में पुर्तगालियों के खिलाफ अपराजित रहे थे। मानाजी राव सिंधिया ने जनरल डी मेनजेज के खिलाफ मराठा सेना का नेतृत्व किया था और जंग के मैदान में हराया था। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.
Sh Hangoji Rao Scindia was engrossed in a struggle against Portugal from 1733 to 1769. Sh Changoji Rao Scindia unfurled the Maratha flag over the Forts of Mahim and Kelve in January 1739.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 19, 2021
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