यदि आप उम्र के साथ बहुत सारी बीमारियों का शिकार नहीं बनना चाहते तब आपको 25 वर्ष की उम्र के बाद अपना डाइट चार्ट बदल लेना चाहिए। बिना किसी भूमिका के हम आपको बताना चाहते हैं कि यदि आप प्रतिदिन 2-4 काजू का सेवन करते हैं तो आप हार्ट अटैक, डायबिटीज, मोटापा और कैंसर जैसी बहुत सारी बीमारियों से जिंदगी भर के लिए बचे रहेंगे। इसीलिए तो काजू को ड्राई फ्रूट्स का किंग कहा जाता है।
काजू खाने के फायदे, शरीर पर असर
काजू प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है। हड्डियों को मजबूत बनाता है।
काजू ना केवल दांतो को बल्कि मसूड़ों को भी ताकतवर बनाता है।
काजू में मोनो सैचुरेटड फैट होता है जो हृदय को स्वस्थ रखता है।
मोनोसैचुरेटेड फैट के कारण हार्ड अटैक का खतरा बहुत कम हो जाता है।
काजू में एंटी ओक्सिडेंट भी होते हैं जो कि कैंसर से बचाव करता है।
काजू के अंदर पाए जाने वाले मुख्य कारक एवं उनके लाभ
काजू में dietry fibre की मात्रा भी अधिक होती है इसलिए वजन नहीं बढ़ता।
काजू के कारण कोलेस्ट्रोल सुरक्षित रहता है।
काजू को दूध में मिलाकर चेहरे की मसाज करने से त्वचा सुंदर एवं मुलायम बन जाती है।
यदि आप प्रतिदिन काजू का सेवन करते हैं तो आपके बाल नहीं झड़ेंगे।
एक स्वस्थ व्यक्ति प्रतिदिन 4 काजू का सेवन कर सकता है।
काजू से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
लो ब्लड प्रेशर के लोग नियमित रूप से काजू खाते हैं तो ब्रेन हेमरेज का खतरा चल सकता है।
काजू में मैग्नीशियम होता है जो एक बेहतरीन प्राकृतिक एंटीडिप्रेसेंट है। दिमाग में ब्लड फ्लो अच्छा हो जाता है।
टेंशन के समय काजू खाने से तनाव कम होता है।
काजू शरीर में ब्लड ग्लूकोस के लेवल को संतुलित कर देता है।
किन लोगों को काजू नहीं खानी चाहिए
मोटापा का शिकार हो चुके लोगों को काजू नहीं खाने चाहिए।
काजू फैट बर्न नहीं करता, अत्यधिक वजनदार लोगों ने काजू खाया तो नुकसान हो जाएगा।
अधिक मात्रा में काजू खाने से पोटेशियम का लेवल बढ़ सकता है इसका सीधा असर किडनी पर होता है।
यदि किसी एक दिन आपने ज्यादा काजू खा लिए तो गैस की प्रॉब्लम हो सकती है और बहुत ज्यादा काजू खा लिए तो पेट में सूजन भी आ सकती है।
जिन लोगों का पेट सुबह साफ नहीं होता उन्हें काजू नहीं खाने चाहिए।
1 दिन में कितने काजू खा सकते हैं
2-10 साल तक के बच्चे प्रतिदिन 6 काजू खा सकते हैं।
45 साल तक के लोग 4 काजू प्रतिदिन खा सकते हैं।
(अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। जो आयुर्वेद की पुरानी किताबों पर आधारित है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। भोपाल समाचार इस जानकारी की प्रमाणिकता की जिम्मेदारी नहीं लेता।)