इंदौर। मध्य प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ऑटो रिक्शा संचालन को व्यवस्थित करने में लगातार असफल होते जा रहे हैं। पहले हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की थी और अब ऑटो रिक्शा संचालक विरोध पर उतर आए हैं। इंदौर शहर के 22000 ऑटो रिक्शा संचालकों ने परिवहन विभाग की अचानक शुरू हुई कार्रवाई के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
हाईकोर्ट के आदेश के नाम पर अत्याचार कर रहा है परिवहन विभाग
इंदौर आटो रिक्शा चालक महासंघ के राजेश बिड़कर ने बताया कि वर्तमान में इंदौर शहर में करीब 22 हजार आटो रिक्शा का संचालन किया जा रहा है। बीते कुछ दिनों से इन पर कार्रवाई की जा रही है। जिसमें कई गाड़ियों के कागजात पूरे नहीं होने पर परिवहन विभाग ने उनकी कोर्ट की चालानी कार्रवाई करते हुए सैकड़ों आटो रिक्शा जब्त कर लिए है। जिस पर कड़ा जुर्माना किया जा रहा है। रिक्शा चालकों की आर्थिक हालात कोरोनाकाल से दयनीय है। जबलपुर उच्च न्यायालय के आदेश के नाम पर यातायात पुलिस और परिवहन विभाग आटो रिक्शा चालकों को परेशान कर रहा है।
शिविर लगाकर ऑटो रिक्शा का डॉक्यूमेंटेशन करें
रिक्शा चालक महासंघ ने मांग की है कि रिक्शा के कागजात पूरे नहीं होने पर जब्त करने की कार्रवाई करने के बजाय परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस हाथों-हाथ ही चालान बना दे और रिक्शा को छोड़ दे। बिड़कर ने बताया कि परिवहन विभाग अतिशीघ्र एक माह का शिविर आयोजित करें, जिसमें मीटर सत्यापन, परमिट, फिटनेस एक ही जगह पर हो जाए।
जिससे अवैध रूप से चल रहे आटो रिक्शा के कागज वैध हो सके, जिससे कि गरीब आटो रिक्शा चालक चालानी कार्रवाई का शिकार ना हो पाए। जल्द से जल्द आटो रिक्शा चालकों के हित में निर्णय नहीं लिया गया तो कोर्ट चालानी कार्रवाई के विरोध में इंदौर के सभी आटो रिक्शा चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.