इंदौर। जिस तेंदुए के लिए पिछले 6 दिनों से आफत मची हुई थी। इंदौर का चिड़ियाघर प्रशासन, बुरहानपुर के वन विभाग के अधिकारियों को झूठा करार दे रहा था। वह तेंदुआ चिड़ियाघर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वन विभाग के रेस्ट हाउस में आराम करता हुआ मिला। जहां पर तेंदुआ आराम कर रहा था वहां आसपास IG, कलेक्टर, SP, ADM और दूसरे अफसरों के बंगले हैं।
पूरी कहानी पॉइंट टू पॉइंट
30 नवंबर- बुरहानपुर के नेपानगर में तेंदुए को पकड़ा गया।
1 दिसंबर- तेंदुए को बुरहानपुर से इंदौर के चिड़ियाघर लाया गया।
2 दिसंबर- चिड़ियाघर परिसर में पिंजरा तो था लेकिन तेंदुआ गायब था।
2 दिसंबर- घायल तेंदुए के फरार होने की खबर से सनसनी फैल गई।
2 दिसंबर- खबर लीक हो जाने के बाद 52 एकड़ के इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाने का दावा किया गया।
3 दिसंबर- सीसीटीवी में तेंदुआ दिखाई दिया। सर्च ऑपरेशन जारी का दावा किया गया।
4 दिसंबर- चिड़ियाघर मैनेजमेंट ने यू-टर्न लिया। कहां तेंदुआ इंदौर में आए ही नहीं। रास्ते में गायब हुआ है।
5 दिसंबर- दावा किया गया कि खोजी कुत्तों और ढोल वालों की मदद से तेंदुए की तलाश की जा रही है।
6 दिसंबर- तेंदुए के सर्च ऑपरेशन का दावा किया जाता रहा और यह भी कहा जाता रहा कि तेंदुआ इंदौर आया ही नहीं।
7 दिसंबर- ग्रामीणों ने चिड़ियाघर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वन विभाग के रेस्ट हाउस के पास तेंदुए के होने की सूचना दी। देखा तो मियां जी आराम कर रहे थे।
मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर तेंदुए की उपस्थिति ने इस बात का खुलासा कर दिया कि कोई सर्च ऑपरेशन नहीं चल रहा था। मीडिया को दिखाने के लिए सिर्फ फोटो खींचवाए जा रहे थे। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.