अपवाद को नियम मान लेने की चूक कई लोगों के investmentसे जुड़े फैसलों में नजर आती है। मसलन, equity fund में एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए। इक्विटी फंड्स में निवेश SIP के जरिये करना चाहिए ताकि समय के साथ लागत की averaging होती रहे। ऐसा करने के कई फायदे हैं। ये सबको पता हैं। फिर भी, कई लोगों के पोर्टफोलियो इस नियम का पालन नहीं करते हैं।
और वे इसकी वजहें भी बताते हैं- मुझे एकबार में यह रकम मिली थी और किसी ने मुझे बताया कि इसे एकबार में ही इस प्रॉडक्ट में लगा देना चाहिए। या मुझे पता है कि सेक्टर फंड्स से अभी परहेज करना चाहिए, लेकिन यह तो साफ दिख रहा है कि infrastructure का हाल बेहतर होने वाला है, तो मैंने infra funds में एक बार में ही मोटी रकम लगा दी या इक्विटी में उतार-चढ़ाव होता रहता है, लिहाजा मैंने FD में 10 साल के लिए यह रकम लगा दी। ये तो FD की तरह ही हैं।
ये टिपिकल उदाहरण हैं और कई पोर्टफोलियो में इनका दोहराव मामूली फेरबदल के साथ दिखता है। इनमें से ज्यादातर मामलों में investor ने सोच-समझकर investment rule का उल्लंघन करने का निर्णय किया होता है। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे खुद को यह समझा ले जाते हैं (शायद किसी सेल्सपर्सन की मदद से) कि मौजूदा हालात में आम नियम का रास्ता छोड़ना फायदेमंद होगा।
हममें से ज्यादातर लोग अधिकांश मौकों पर इनवेस्टमेंट के नियमों को आम दिशानिर्देश की तरह या अच्छी सलाह की तरह लेते हैं, जिनका उल्लंघन किया जा सकता है। कुछ दिनों पहले किसी और जानकारी के लिए नेट ब्राउजिंग के वक्त मैंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक डॉक्युमेंट देखा, जो सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट से जुड़ा होने के बावजूद इस मामले में प्रासंगिक है।
'पावर ऑफ टेन' के नाम से इसे कुछ साल पहले कंप्यूटर साइंटिस्ट गेरार्ड होल्जमैन ने लिखा था, जो नासा के साथ काम करते थे। इसमें सेफ्टी-क्रिटिकल सॉफ्टवेयर डिवेलप करने के 10 नियम बताए गए हैं। हालांकि हमारे मतलब की बात वह है, जो इस डॉक्युमेंट के लिए रिसर्च करते वक्त होल्जमैन के सामने आई थी। होल्जमैन ने पाया था कि अगर नियमों का पालन किया जाए, तो उन्हें कानून की तरह मानना होगा, न कि दिशानिर्देश की तरह।
ज्यादातर संगठनों में दर्जनों या सैकड़ों दिशानिर्देश होते हैं, लेकिन उनके कर्मचारी इन नियमों के अपवाद स्वरूप उल्लंघन को उचित ठहराने में एक्सपर्ट हो जाते हैं। होल्जमैन ने पाया कि इसके बजाय कुछ ही नियमों का होना बेहतर है, जिनका कभी उल्लंघन न हो। अगर किसी मामले में अपवाद को उचित ठहराया जा सकता हो तो भी अपवाद स्वरूप उल्लंघन की इजाजत न देने का बेहतर नतीजा सामने आता है। इसकी वजह है कि कुछ उचित ठहराए जा सकने वाले अपवादों पर भी रोक लगा दें तो बड़ी संख्या में बेमतलब के अपवाद स्वरूप उल्लंघनों से बचा जा सकेगा और उन्हें उचित या अनुचित ठहराने में जाया होने वाला वक्त भी बचेगा।
इनवेस्टर्स पर ऐसे नियम कोई भी जबरन तो नहीं थोप रहा है, तो मामला अनुशासन का हो जाता है। हो सकता है कि ऐसे हालात बनें, जिनमें इनवेस्टमेंट के बुनियादी नियमों के उल्लंघन से बेहतर रिटर्न मिले, लेकिन ऐसे मामले नाममात्र के ही होते हैं। लिहाजा इनवेस्टमेंट के बारे में बुनियादी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
लेखक श्री धीरेंद्र कुमार सीईओ, वैल्यू रिसर्च हैं।