जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक्सीडेंट के कारण स्थाई रूप से विकलांग हुए युवक को कितना मुआवजा दिया जाना चाहिए, इसका फार्मूला घोषित किया। हाईकोर्ट ने कहा कि दिव्यांग होने वाला व्यक्ति यदि 28 साल का युवा है तो उसकी आय की गणना करते समय स्वीकृत आय में 40 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़ा जाना चाहिए। इस मत के साथ न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को 313200 का अतिरिक्त भुगतान किए जाने के निर्देश दिए।
मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल का फैसला गलत था
राजधानी भोपाल के न्यू अशोक गार्डन निवासी रितेश जैन की ओर से मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ यह अपील की गई। अधिवक्ता कपिल पटवर्धन ने कोर्ट को बताया कि स्थायी दिव्यांगता के आधार पर याचिकाकर्ता की मासिक स्वीकृत आय 9000 रुपये व उसकी आधी 4500 रुपये मानी गई। जबकि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के तहत 28 साल के युवा के दुर्घटना में स्थायी दिव्यांग होने पर आधी मासिक आय का 40 प्रतिशत और उसमें जोड़कर गणना की जानी चाहिए।
ट्रिब्यूनल की गणना के तहत याचिकाकर्ता को कुल आमदनी में नुकसान के लिए अनावेदक ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को महज 972000 रुपये चुकाने के आदेश दिए गए। जबकि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के तहत याचिकाकर्ता को इसके लिए 1285200 रुपये मिलने चाहिए। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने दलीलें मंजूर कर याचिकाकर्ता को अंतर की राशि 313200 रुपये का भुगतान ब्याज सहित किए जाने के निर्देश दिए। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.